अमेरिका यात्रा के आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैलिफोर्निया के सैप सेंटर में भारतीय समुदाय के करीब 18 हजार लोगों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाने के अलावा आतंकवाद पर भी करारा प्रहार किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार को सत्ता में आए 16 महीने हुए हैं और भारत के बारे में दुनिया की सोच में जबर्दस्त बदलाव आया है। हमने इतना विकास किया है कि हर दिन दो-दो घंटे बोलूं, तब भी 15 दिन लग जाएंगे। दुनिया मानने लगी है कि 21वी सदी भारत की होगी। उन्हें विश्वास है कि भारत को सफलता प्राप्त होगी क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है।
नामी भारतीय अभिनेता अनुपम खेर को लैंगिक समानता पर संयुक्त राष्ट्र के अभियान के लिए दूत बनाया गया है। महिलाओं और लड़कियों के विरूद्ध असमानता के खिलाफ खड़े होने के लिए पुरूषों और लड़कों से आगे आने का आह्वान करने के लिए अनुपम खेर ने विश्व निकाय से तालमेल किया है।
नेपाल में चार प्रमुख राजनैतिक दलों नेपाली कांग्रेस, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले), नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और मधेसी पीपुल्स राइट्स फोरम (डेमोक्रेटिक) के बीच 16 सूत्री समझौते पर सहमति के बाद शुरू हुई संविधान के प्रारूप की प्रक्रिया को दो विपरीत ध्रुवों का आक्रामक विरोध झेलना पड़ रहा है।
दुनिया की जानी-मानी बेवरेज कंपी कोका-कोला पर भारत में जल संसाधनों के दुरुपयोग के आराेप लगे हैं। नार्वे की एक संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कोका-कोला द्वारा भारत में की जा रही जल संसाधनों की बर्बादी का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के आधार पर नार्वे के सरकारी पेंशन फंड पर कोका-कोला से निवेश वापस खींचने की मांग की जा रही है।
लंदन के नेहरू सेंटर में ओपी नैय्यर के गीतों से सजी शाम का आयोजन हुआ। कुल 140 सीटों वाले नेहरू सेंटर में 170 लोगों ने अर्पण कुमार और मीतल के मार्फत मुहम्मद रफी और आशा भोंसले की आवाजों को सुना। की-बोर्ड पर सुनील जाधव थे तो तबले पर केवल। गीतों से भरी इस शाम में कई लोग दूर-दूर से आए थे।
प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
ऐसा लगता है कि तेलगु देशम पार्टी ने तेलंगाना में कैश फॉर वोट मामले में अपने विधायक की गिरफ्तारी के बावजूद कुछ नहीं सीखा है। तभी तो पार्टी आंध्र प्रदेश में भी विधान परिषद चुनावों में भी ऐसे ही तरीके अपनाने से नहीं चूक रही है।