नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अंतिम दिनों पर प्रकाश डालने के लिए स्थापित की गई ब्रिटेन की एक वेबसाइट ने ताइवान के एक अधिकारी द्वारा दिया गया सबूत जारी किया है जिसका दावा है कि उसने 1945 में विमान हादसे में नेताजी की मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कराया था।
अखबारों की छोटी सी खबर से आम जनता को पता चला कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस होता है। हिंदी के प्रति प्रतिबद्ध सरकार में केवल विदेश मंत्रालय ने एक आयोजन किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने वर्ष 2012 में सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली कूच करने की खबर को सच बताकर सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि, इस मुद्दे पर वह अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ते जा रहे हैं।
बताया जाता है कि जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में अपने शुरू किए गए अखबार नेशनल हेराल्ड के कर्मचारियों से एक बार कहा था, हमें बनियागिरी नहीं आई। यदि सुब्रह्मण्यम स्वामी की कोशिशें सिरे चढ़ीं तो माना जाएगा कि शायद नेहरू के उत्तराधिकारी इस कला को सीख चुके हैं।
अगर आपको बंगाल की पारंपरिक मिठाइयां बेहद पसंद है मगर विदेश में या देश के दूसरे हिस्सों में रहने की वजह से आप इनका लुत्फ नहीं उठा पाते हैं तो अब आप माउस के एक क्लिक से बंगाली मिठाइयों का मजा घर बैठे ले सकते हैं।
धुंध से प्रभावित बीजिंग में प्रदूषण को लेकर पहली बार रेड अलर्ट जारी किया गया जिससे वहीं 2. 2 करोड़ लोगों के इस शहर में निजी वाहनों में आधे वाहन बुधवार सड़कों पर नहीं उतरे और स्कूल और भवन निर्माण स्थल बंद रहे। मजे की बात है कि स्मॉग के इस माहौल में लोग मॉस्क और एयर प्यूरिफायर के बजाय कंडोम और स्पोर्ट्सवियर की जबर्दस्त ऑनलाइन बुकिंग करा रहे हैं।
वाणिज्य मंत्राालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और रिजर्व बैंक से इस बात की जांच करने को कहा है कि क्या फ्लिपकार्ट, आमेजन और स्नैपडील जैसी ई-रिटेलरों ने बिजनेस टु कंज्यमूर यानी बी2सी गतिविधियों में शामिल होकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों का उल्लंघन किया है।
लगभग हर भारतीय के लिए दिवाली का त्योहार बचपन की यादों से जुड़ा होता है क्योंकि यही एकमात्र ऐसा त्योहार होता है जिसमें जमकर खरीदारी और तोहफों के लेन-देन का सिलसिला परवान पर होता है। लोग दिवाली के 10-15 दिन पहले से ही खरीदारी में जुट जाते थे।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दादरी मसले पर बात करते हुए एक विवादित बयान दिया कि मुसलमान इस देश में रह सकते हैं लेकिन उन्हें गौमांस खाना छोड़ना होगा। इसके बाद से सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के खिलाफ माहौल बन गया। चारों ओर से इस ब्यान की निंदा होने लगी। मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव ने स्थिति संभालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा जबकि अखबार ने उनके मुंह में ऐसे शब्द डाले। इसके बाद अखबार ने मुख्यमंत्री के इंटरव्यू का ऑडियो टेप जारी कर दिया। सोशल मीडिया के कुछ कमेंट्स