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Search Result : "ओबीसी के आरक्षण"

पिछड़ा वर्ग आरक्षण सरकार के लिए चुनौती

पिछड़ा वर्ग आरक्षण सरकार के लिए चुनौती

बिहार विधानसभा चुनाव में पिछड़ा वर्ग को मिले आरक्षण के एक मुद्दे ने देश की सियासत ही बदल दी। चुनाव के दौरान जिस तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा के बयान की जो मतदाताओं में प्रतिक्रिया हुई, उसे देखते हुए भाजपा और राजग के साथ खड़े पिछड़े वर्ग के नेता सियासी अहमियत समझ अब इस वर्ग के हितों की बात खुलकर करने लगे हैं। हालांकि भाजपा नेताओं ने बार-बार इस बात को दुहराया कि आरक्षण की समीक्षा नहीं की जाएगी लेकिन इसका खास सियासी असर नहीं पड़ा।
समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

आरक्षण प्रणाली की समीक्षा के अपने पूर्व के बयान से पलटते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जब तक सामाजिक भेदभाव है तब तक देश में आरक्षण जारी रहना चाहिए और संघ इसे खत्म किए जाने के पक्ष में नहीं है।
मायावती ने उठाई गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग

मायावती ने उठाई गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग

संविधान पर संसद में चल रही बहस में आज बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी हिस्‍सा लिया। राज्यसभा में मायावती ने संविधान पर चर्चा करते हुए आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की वकालत की है। मायावती के इस कदम को अगड़ी जातियों को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

हार के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराने से भाजपा का इनकार

बिहार चुनाव के नतीजों पर विचार विमर्श करने के लिए आज हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा ने बिहार में हार के लिए किसी भी नेता को जिम्मेदार ठहराने की बात को खारिज करते हुए इस आलोचना को भी नकार दिया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा संबंधी बयान ने हार में एक बड़ी भूमिका अदा की।
अब महंगा पड़ेगा रेल आरक्षण रद्द कराना

अब महंगा पड़ेगा रेल आरक्षण रद्द कराना

रेलयात्रियों के लिए अब टिकट आरक्षित कराकर सफर न करना महंगा पड़ जाएगा। आरक्षित टिकट लेने वाले यात्री यदि ट्रेन खुलने से पहले तक आरक्षण रद्द नहीं कराते तो उन्हें कोई रिफंड नहीं मिलेगा। इसके अलावा आरक्षण रद्द कराने का शुल्क भी लगभग दोगुना कर दिया गया है। ‌दलालों और टिकटों की कालाबाजारी करने वालों पर नकेल कसने के मकसद से रेलवे का यह नया नियम 12 नवंबर से लागू हो जाएगा।
हार्दिक को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, फिलहाल जेल में रहेंगे

हार्दिक को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, फिलहाल जेल में रहेंगे

देशद्रोह के आरोपों से घिरे आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमानत याचिका पर मामले की जांच पूरी होने के बाद विचार किया जाएगा। सर्वोच्‍च अदालत ने गुजरात पुलिस को जांच पूरी करने के लिए डेढ़ महीने का समय दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना चार्जशीट दाखिल नहीं होगी।
बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार में चुनावी परिणाम चाहे जो रहे, सरकार चाहे नीतीश कुमार की बने या नरेंद्र मोदी की, इन चुनावों के प्रचार ने राष्ट्रीय राजनीति के कई बंद दरवाजों को खोला है। कई ऐसे समीकरण आए, जिनके बारे में कुछ सालों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नीतीश और लालू का साथ आना, अति पिछड़ा वर्ग का निर्णायक स्थिति में पहुंचना, तमाम वाम दलों का मिलकर चनाव लड़ना और पहली बार देश के प्रधानमंत्री का किसी राज्य के चुनाव के लिए रिकॉर्ड सभाएं करना। इन तमाम पहलुओं पर बिहार की जनता ने पैनी निगाह रखी और हर पहलू पर जमकर चर्चा हुई। ये बहसें सिर्फ बिहार की धरती तक ही सीमित नहीं रहीं, जहां भी बिहारी हैं, वहां बिहार के राजनीतिक भविष्य पर चिंता हावी रही।
‘विकल्प’ कल से देगा रेल का पक्का आरक्षण

‘विकल्प’ कल से देगा रेल का पक्का आरक्षण

रेलवे ने रविवार से एक नई योजना ‘विकल्प’ शुरू करने की घोषणा की है जिसके तहत प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को अगली ही वैकल्पिक ट्रेन में आरक्षण की सुविधा मिल जाएगी, बशर्ते कि उन्होंने ऑनलाइन टिकट बुक कराया है।
इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

चुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लड़ने-लड़ाने वालों को छोड़कर सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे हैं। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर होता है। उसे अमेरिकी चुनाव की भी अंदरुनी जानकारी होती है तो यह कैसे कह सकते हैं कि बिहार में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
हार्दिक के खिलाफ प्रथम दृष्टया देशद्रोह का मामला: हाईकोर्ट

हार्दिक के खिलाफ प्रथम दृष्टया देशद्रोह का मामला: हाईकोर्ट

गुजरात उच्च न्यायालय ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ सूरत में दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने से इंकार करते हुए कहा है कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया देशद्रोह का मामला बनता है। हालांकि अदालत ने प्राथमिकी से भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए यानी दो समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करना के आरोप को हटाने के आदेश दिए हैं।