यूजीसी ने 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को भेजे नोटिस में साफ लिखा है कि ओबीसी आरक्षण अस्सिटेंट प्रोफेसर के अलावा एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों में नहीं दिया जाएगा
पटेल समुदाय के लिए ओबीसी कोटे में आरक्षण की मांग करने वाले हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) नाम के संगठन को आज मेहसाणा जिले के कनसा में पटेल समुदाय की महापंचायत इसलिए रद्द करनी पड़ी क्योंकि इसमें शिरकत के लिए कोई नहीं आया।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बढ़ती सुगबुगाहट के बीच राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने आज 143 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी।
बिहार में चुनावी परिणाम चाहे जो रहे, सरकार चाहे नीतीश कुमार की बने या नरेंद्र मोदी की, इन चुनावों के प्रचार ने राष्ट्रीय राजनीति के कई बंद दरवाजों को खोला है। कई ऐसे समीकरण आए, जिनके बारे में कुछ सालों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नीतीश और लालू का साथ आना, अति पिछड़ा वर्ग का निर्णायक स्थिति में पहुंचना, तमाम वाम दलों का मिलकर चनाव लड़ना और पहली बार देश के प्रधानमंत्री का किसी राज्य के चुनाव के लिए रिकॉर्ड सभाएं करना। इन तमाम पहलुओं पर बिहार की जनता ने पैनी निगाह रखी और हर पहलू पर जमकर चर्चा हुई। ये बहसें सिर्फ बिहार की धरती तक ही सीमित नहीं रहीं, जहां भी बिहारी हैं, वहां बिहार के राजनीतिक भविष्य पर चिंता हावी रही।
अगर किंग खान किसी अभिनेता की तारीफ कर दें तो क्या होगा। जाहिर सी बात है वह अभिनेता फूला नहीं समाएगा। तो हुआ यूं है कि सोनू सूद अब फूले नहीं समा रहे हैं।
भीषण पिछड़ेपन का शिकार देश भर की 666 विमुक्त घूमंतू जनजातियां और अतिपिछड़ी जातियां अपने विकास के लिए आरक्षण में अलग हिस्से के लिए हो रही गोलबंद, अगले साल दिल्ली कूच
पटेल आरक्षण की आग में झुलस रहे गुजरात में तनाव बरकरार है। मंगलवार से जारी संघर्ष में मरने वालों की संख्या 9 तक पहुंच गई और राज्य के कई शहरों में स्थिति पर काबू पाने के लिए सेना तैनात की गई है।
गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।
अहमदाबाद में विशाल रैली बुलाकर हार्दिक पटेल में अपना लोहा मनवा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य की भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा है कि मांग नहीं मानी तो दोबारा कमल नहीं खिलेगा। यह रैली भले ही आरक्षण की मांग को लेकर हुई लेकिन हार्दिक पटेल के तेवर पूरी तरह सियासी दिखे। उन्होंने मंच से केजरीवाल, नीतीश कुमार और सरदार पटेल का नाम लेकर अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं की झलक दिखाई है।