कानपुर में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक में हर दिन अलग-अलग मुद्दों पर चिंतन हो रहा है। उत्तर प्रदेश चुनाव के अलावा कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संघ काम कर रहा है।
छह दिवसीय संघ की बैठक इन दिनों चर्चा में है। मिशन यूपी और मिशन मंदिर पर भी मंथन हो रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्यक्रम और उद्देश्यों के बारे में बात की।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने के लिये संघ प्रमुख मोहन भागवत और सर कार्यवाह भैया जी जोशी समेत करीब 41 प्रांतों के प्रांत प्रचारक कानपुर पहुंच चुके हैं।
संघ के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक आगामी 11 से 17 जुलाई को कानपुर में होने वाली है। इस बैठक में देश भर के संघ के प्रांत प्रचारक और संघ के आनुषंगिक संगठन हिस्सा लेंगे। संभावना है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी इसमें हिस्सा लें।
अब तक यह मध्यप्रदेश की सियासी फिजाओं में था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से संघ की ट्यूनिंग थोड़ी सी बिगड़ गई है। लेकिन हाल ही में शिवराज की नागपुर यात्रा ने इस बात को बल दे दिया है।
आम आदमी पार्टी का छात्र संगठन इस दफा दिल्ली विश्वविद्यालय के होने वाले छात्र संगठन चुनावों में भाग नहीं लेगा। माना जा रहा है कि अगर चुनावों में पार्टी के छात्र संगठन की करारी हार हुई तो इस हार का असर पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा।
नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में अब संघ और संघ की विचारधारा से जुड़े लोगों का अच्छा-खासा जमावड़ा हो गया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सीधे तौर से जुड़े 13 तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े 7 लोग इस समय मंत्रिमंडल में हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पहले तो केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में अपने लोगों को जगह दिलवाई और उसके बाद विभागों के बंटवारे में भी उसी की चली। जिन मंत्रियों से आरएसएस को परेशानी थी उनके विभाग बदल दिए गए हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में विस्तार के बाद मध्यप्रदेश से मंत्रियों की संख्या 8 हो गई है। राज्य से राज्यसभा सदस्य तथा पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को अब पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इस तरह पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश को खासी तवज्जो दी है। 8 मंत्रियों की संख्या मध्यप्रदेश के लिए अब तक की सारी केंद्रीय कैबिनेट के मुकाबले सबसे अधिक है। इस तरह देश की कैबिनेट के इतिहास में मध्य प्रदेश ने नया कीर्तिमान रच दिया है।
ब्रिटेन सरकार की यूरोपीय संघ से निकलने की प्रक्रिया की शुरुआत कानूनी चुनौतियों से घिर गई है। एक विधि कंपनी ने घोषणा की है कि संसदीय अधिनियम के बिना इस प्रक्रिया को शुरू नहीं किया जा सकता।