कानपुर में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक में हर दिन अलग-अलग मुद्दों पर चिंतन हो रहा है। उत्तर प्रदेश चुनाव के अलावा कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर संघ काम कर रहा है।
केंद्र सरकार ने विधि आयोग को समान नागरिक कानून का प्रारूप बनाकर देने के लिए कहा है। यह मुद्दा नया नहीं है। वर्षों से इस पर चर्चा होती रही है और विभिन्न समुदायों, दलों, नेताओं द्वारा समय-समय पर समर्थन, असहमति और कुछ विरोध भी होता रहा है।
भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि उसके वरिष्ठ सहयोगी दल की राजनीति झूठ और अफवाहें फैलाने की है। साथ ही शिवसेना ने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक सच बोलने वालों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
अलगाववादियों ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत कश्मीरी पंडितों से घाटी में उनकी वापसी पर चर्चा करने का फैसला किया है। आतंकवाद के चलते 26 साल से भी ज्यादा पहले घाटी छोड़ने को विवश हुए समुदाय को वापस लाने का अलगाववादियों का यह पहला गंभीर प्रयास है।
सीबीआई ने अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की 2013 में पुणे में हुई हत्या के आरोप में हिंदू जनजागृति समिति के सदस्य वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार किया है। तावड़े को पनवेल से शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया गया और उसे शनिवार को दोपहर पुणे की एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है। पार्टी विचारधारा से नास्तिक है। लिहाजा सरकार ने चीन में रोजे रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह यहां रहे रहे मुस्लिम समुदाया के लोग रमजान के महीने में रोजा नहीं रख पाएंगे। यह बैन खासकर उन जगहों के लिए है जहां पर मुस्लिम लोग बहुल संख्या में रहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को इजाजत दी है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार कड़े कानून ले आई है। इस कानून की आड़ में किसके हो रहे हैं पौ-बारह। मुंबई समेत महाराष्ट्र में डांस बार से पाबंदी हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अरसा बीत चुका है। लेकिन कानूनी तरीके से मुंबई में डांस बार अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर ने गुलबर्ग सोसायटी मामले में गुजरात की एक अदालत के आज आए फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धब्बा बताया है।
केंद्र और दिल्ली सरकार की नाक के नीचे हजारों दलित परिवारों के लिए पीने लायक साफ पानी, बच्चों के लिए शिक्षा, सिर छिपाने लायक छोटे फ्लैट, गंदी नालियां और शौचालय साफ करने के लिए सामान और उचित मजदूरी नहीं है।
पिछले कुछ दिनों से विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में राष्ट्रवाद पर व्याख्यानों की महीने भर चली श्रृंखला के समाप्त होने के बाद विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अब आजादी पर प्रस्तुति का सिलसिला शुरू करने का फैसला किया है।