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बॉलीवुड में कोई असहिष्णुता नहीं : काजोल

बॉलीवुड में कोई असहिष्णुता नहीं : काजोल

भारत में असहिष्णुता पर चल रही बहस को महत्व नहीं देते हुए अदाकारा काजोल ने आज कहा कि बॉलीवुड में ऐसी कोई विभाजन रेखा नहीं है। जयपुर साहित्य उत्सव के तीसरे दिन काजोल ने कहा, हमारा उद्योग समाज में जो चल रहा होता है उसे हमेशा दर्शाता रहेगा। बॉलीवुड में कोई विभाजन रेखा नहीं हैं, ना ही जाति, नस्ल है और न ही असहिष्णुता। काजोल के करीबी दोस्त फिल्मकार करण जौहर ने उत्सव के उद्घाटन दिवस पर यह कहकर कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी सबसे बड़ा मजाक है, तूफान ला दिया। हाल के महीनों में, अभिनेता शाहरूख खान और आमिर खान देश में बढ़ती असहिष्णुता के बारे में बोलकर विवादों में आ चुके हैं।
'अभिव्‍यक्ति की आजादी' व 'लोकतंत्र' दो सबसे बड़े मजाक: करन जौहर

'अभिव्‍यक्ति की आजादी' व 'लोकतंत्र' दो सबसे बड़े मजाक: करन जौहर

हर साल सुर्खियों में रहने वाले जयपुर साहित्‍य उत्‍सव का आगाज इस साल भी एक विवाद के साथ हुआ है। फिल्‍मकार करन जौहर ने अपने बेबाक बयानों से असहिष्‍णुता पर छिड़ी बहस को गरमा दिया है।
इसक वाली हेट स्टोरी 3

इसक वाली हेट स्टोरी 3

इस फिल्म का नाम ‘किस और स्मूच’ रखा जाता तो भी गलत नहीं होता। क्योंकि फिल्म की कहानी में किस और स्मूच नहीं है बल्कि स्मूच और किस के बीच कहानी है।
बिपाशा की कामना

बिपाशा की कामना

जल्द ही करण ग्रोवर की हेट स्टोरी 3 फिल्म आने वाली है। बिपाशा चाहती हैं की यह फिल्म बहुत सफल हो। यह वही करण हैं जिन्होंने जॉन अब्राहम के बेवफा होने के बाद उन्हें अपना कंधा मुहैया कराया था।
लीजा का सपना पूरा हुआ

लीजा का सपना पूरा हुआ

फिल्म क्वीन में रानी यानी कंगना रणौत को दुनियादारी का पाठ पढ़ाने वाली लड़की का किरदार निभाने लिजा हेडन जल्द ही ए दिल है मुश्किल में दिखाई देंगी।
पाउलो कोएल्हो भी हुए शाहरूख के मुरीद

पाउलो कोएल्हो भी हुए शाहरूख के मुरीद

द अल्केमिस्ट के लिए पहचाने जाने वाले ब्राजील के उपन्यासकार पाउलो कोएल्हो ने साल 2010 में आई बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान की फिल्म माई नेम इज खान की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘इस साल जो फिल्में मैंने देखी हैं उनमें यह सर्वश्रेष्ठ है।’
प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
सलमान की जगह वरुण निभाएंगे ‘शुद्धि’ में अहम रोल

सलमान की जगह वरुण निभाएंगे ‘शुद्धि’ में अहम रोल

'स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ के मुख्य अभिनेता वरुण धवन और मुख्य अभिनेत्री आलिया भट्ट फिल्मकार करण जौहर की महत्वाकांक्षी फिल्म ‘शुद्धि’ में मुख्य अहम भूमिकाएं निभाएंगे।
समीक्षा - बॉम्बे वेल्वेट

समीक्षा - बॉम्बे वेल्वेट

अनुराग कश्यप अपनी फिल्में अंधेरा बुनते हैं। ऐसा अंधेरा जिससे सभी का साबका पड़ता है। लेकिन सभी दौड़ते हुए इसलिए आगे निकल जाते हैं कि शायद आगे रोशनी की किरणें हों। अनुराग फिल्मों के सिरे इतनी आसानी से पकड़ में नहीं आते कि दर्शक उन्हें पकड़ कर फिल्मों की परद में घुसता चला जाए।
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