वरिष्ठ अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की राजेश खन्ना पर कथित टिप्पणी को लेकर ट्विंकल खन्ना ने पलटवार किया है। अपनी टिप्पणी में शाह ने कथित तौर पर कहा था कि 70 के दशक में हिंदी फिल्म उद्योग में मध्यम स्तर लाने के लिए राजेश खन्ना जिम्मेदार हैं।
समलैंगिक (एलजीबीटी) समुदाय का हिस्सा होने का दावा करने वाली कुछ मशहूर हस्तियों ने उच्चतम न्यायालय का रूख कर आईपीसी की धारा 377 को रद्द करने की गुहार लगाई है। आईपीसी की धारा 377 के तहत देश में समलैंगिकता एक दंडनीय अपराध है। इस अर्जी पर कल सुनवाई होने की संभावना है।
टीवी अभिनेत्री प्रत्यूषा बनर्जी की कथित खुदकुशी पर दुख व्यक्त करते हुए फिल्म निर्माता करण जौहर ने कहा कि उनकी मौत वैसे लोगों को सजग करने वाली है जो अवसाद को नजरंदाज कर देते हैं।
सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये जर्मनी में हिटलर के सत्ता में आने और भारत में आपातकाल के ऐतिहासिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए अभिनेता कमल हासन ने कहा कि हम बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते। साथ ही हासन ने लोकतंत्र में बोलने की आजादी के संरक्षण के लिए सतत निगरानी को जरूरी बताया।
भारत में असहिष्णुता पर चल रही बहस को महत्व नहीं देते हुए अदाकारा काजोल ने आज कहा कि बॉलीवुड में ऐसी कोई विभाजन रेखा नहीं है। जयपुर साहित्य उत्सव के तीसरे दिन काजोल ने कहा, हमारा उद्योग समाज में जो चल रहा होता है उसे हमेशा दर्शाता रहेगा। बॉलीवुड में कोई विभाजन रेखा नहीं हैं, ना ही जाति, नस्ल है और न ही असहिष्णुता। काजोल के करीबी दोस्त फिल्मकार करण जौहर ने उत्सव के उद्घाटन दिवस पर यह कहकर कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी सबसे बड़ा मजाक है, तूफान ला दिया। हाल के महीनों में, अभिनेता शाहरूख खान और आमिर खान देश में बढ़ती असहिष्णुता के बारे में बोलकर विवादों में आ चुके हैं।
हर साल सुर्खियों में रहने वाले जयपुर साहित्य उत्सव का आगाज इस साल भी एक विवाद के साथ हुआ है। फिल्मकार करन जौहर ने अपने बेबाक बयानों से असहिष्णुता पर छिड़ी बहस को गरमा दिया है।
द अल्केमिस्ट के लिए पहचाने जाने वाले ब्राजील के उपन्यासकार पाउलो कोएल्हो ने साल 2010 में आई बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान की फिल्म माई नेम इज खान की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘इस साल जो फिल्में मैंने देखी हैं उनमें यह सर्वश्रेष्ठ है।’