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Search Result : "करोड़ों खर्च"

शिवसेना का कटाक्ष, क्‍या अमित शाह की रैलियों पर नहीं खर्च होती मोटी रकम

शिवसेना का कटाक्ष, क्‍या अमित शाह की रैलियों पर नहीं खर्च होती मोटी रकम

महाराष्‍ट्र के मंत्री राजकुमार बडोले की टिप्पणी के बाद शिवेसना ने भाजपा पर करारा हमला किया है। शिवसेना ने सवाल उठाते हुए कहा है कि क्‍या भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह की रैलियों पर मोटी रकम खर्च नहीं की जाती है। बडोले ने कहा था कि राज्‍य में आरक्षण पर निकाले जा रहे मराठा मार्च धन बल की वजह से कामयाब हो रहेे हैंं।
आउटलुक विशेष- पुतिन के भारत दौरे में रूस से करोड़ों के रक्षा खरीद की तैयारी

आउटलुक विशेष- पुतिन के भारत दौरे में रूस से करोड़ों के रक्षा खरीद की तैयारी

अगले सप्ताह रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन का भारत दौरा राजनयिक और रक्षा खरीद की तैयारियों के लिहाज से अहम रहने वाला है। गोवा में 16 अक्टूबर से शुरू हो रहे ब्रिक्स देशों की बैठक के एक दिन पहले पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होनी है। रक्षा, सुरक्षा, कारोबार और निवेश को लेकर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने का एजेंडा इस बैठक का है।
मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
सुशील मोदी का 'पीके' पर व़ार, 9.31 करोड़ खर्च हुए पर बिहार में 'विजन' नहीं दिखा

सुशील मोदी का 'पीके' पर व़ार, 9.31 करोड़ खर्च हुए पर बिहार में 'विजन' नहीं दिखा

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 'पीके' पर हमला किया है। मोदी ने कहा कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी और बिहार विकास मिशन के शासी निकाय के सदस्य प्रशांत किशोर अगर राज्य में अपने कामों के प्रति न्याय नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
हरियाणाः विवेकाधीन कोष से खर्च का नहीं होता हिसाब

हरियाणाः विवेकाधीन कोष से खर्च का नहीं होता हिसाब

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने ग्रामीण खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए एक धार्मिक संप्रदाय को अपने विवेकाधीन कोष से 50 लाख रुपए का दान दिया है, जिसको लेकर उनपर चौतरफा निशाना साधा जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य के सरकारी सूत्रों का कहना है कि अपने विवेकाधीन कोष से मंत्री इस प्रकार के कार्यों के लिए खर्च कर सकते हैं। जिसका उनसे हिसाब भी नहीं मांगा जाता है।
घाटा खजाने या लोकप्रियता का

घाटा खजाने या लोकप्रियता का

आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने गोवा की एक सभा में कहा कि उनके पास चुनाव लड़ाने के लिए धन नहीं है। यह बात साबित करने के लिए वह अपने व्यक्तिगत बैंक खाते और पार्टी का बही खाता दिखाने को तैयार हैं। यह वही पार्टी है, जिसे दिल्ली विधानसभा में बहुत अल्प अवधि में दो बार चुनाव लड़ने के लिए देश-दुनिया से बड़े पैमाने पर चंदा मिल रहा था।
सिंहस्थ घोटाले में फंसी भाजपा सरकार

सिंहस्थ घोटाले में फंसी भाजपा सरकार

लगता है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस वर्ष का सिंहस्‍थ कुंभ बहुत भारी पड़ने वाला है। कांग्रेस ने इस सिंहस्‍थ में बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप लगाए हैं। पार्टी ने खर्चों को लेकर सारे आंकड़े मीडिया के सामने रखे हैं और इन खर्चों पर एक सरसरी नजर डालने से ही गड़बड़ियों की बू आने लगती है।
स्टेशनों का कचरा बेच करोड़ों कमाएगी भारतीय रेल

स्टेशनों का कचरा बेच करोड़ों कमाएगी भारतीय रेल

किराये के अलावा अन्य स्रोतों से आय अर्जित करने की योजना पर काम कर रही भारतीय रेल पूरे देश में स्टेशनों पर पैदा होने वाले कचरे को बेचने के प्रस्ताव पर काम कर रही है।
चर्चाः सेवा करने वालों का हिसाब-किताब | आलोक मेहता

चर्चाः सेवा करने वालों का हिसाब-किताब | आलोक मेहता

महान भारत देश में करीब 30 लाख संस्‍‌थाओं ने ‘स्वयंसेवी’ संगठन के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। लेकिन मात्र 10 प्रतिशत संस्‍थाएं ही अपनी आमदनी-खर्च का विवरण आयकर विभाग को देती हैं। सेवा करने वालों को अपने बही-खाते की पारदर्शिता रखने से परहेज क्यों है?
मनमोहन के सचिव के दामाद की कंपनी में विदेश से आए करोड़ों!

मनमोहन के सचिव के दामाद की कंपनी में विदेश से आए करोड़ों!

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सलाहकार रहे टीकेए नायर की बेटी और दामाद से जुड़ी कंपनी में खाड़ी के देश से 45 करोड़ रुपये आने का आरोप लग रहा है। कमाल की बात है कि कंपनी जिस उद्देश्य से बनाई गई थी वैसा कोई काम भी नहीं कर रही है।
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