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Search Result : "कलाकारों का अधिकार"

अक्षय तृतीया के पार है बाल विवाह का क्षय

अक्षय तृतीया के पार है बाल विवाह का क्षय

21 अप्रैल को आखा तीज यानी अक्षय तृतीया का अबूझ सावां बीत गया। अबूझ सावां मतलब हिंदु विवाह का सर्वव्यापी शुभ लग्न। कहते हैं, इस दिन विवाह के लिए मुहर्त निकालने या जन्मकुंडली मिलान की जरूरत नहीं पड़ती। अक्षय तृतीया को आरंभ विवाह का शुभ काल पीपल पून्यो यानी पीपल पूर्णिमा तक 12 दिन रहता है।
मोदी ने अल्पसंख्यकों को विदेश में दिलाया भरोसा

मोदी ने अल्पसंख्यकों को विदेश में दिलाया भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश में अल्पसंख्यकों को विश्वास दिलाया है कि भारत में सभी धर्मों के नागरिकों के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा की जाएगी और उनके लिए समान दर्जा सुनिश्चित किया जाएगा।
तंग करने वाली मुकदमेबाजी के विरोध में आर.टी.आई. कार्यकर्ता

तंग करने वाली मुकदमेबाजी के विरोध में आर.टी.आई. कार्यकर्ता

मध्यप्रदेश में पिछले 8-10 सालों में कई मंत्रियों, विधायकों एवं बड़े अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में भ्रष्टाचार, अनियमितता और अन्य मामले चल रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पहले भी डंपर मामला चल चुका है और अब उन पर व्यापमं घोटाले में उनकी संलिप्तता का आरोप विपक्षी दलों सहित सामाजिक कार्यकर्ता लगा रहे हैं।
अब सोशल मीडिया पर लब आजाद

अब सोशल मीडिया पर लब आजाद

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बरकरार रखने वाले अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साइबर कानून के उस प्रावधान को निरस्त कर दिया जो वेबसाइट्स पर कथित अपमानजनक सामग्री डालने पर पुलिस को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता था।
दलित अधिकारों पर अमेरिका में वैश्विक सम्मेलन

दलित अधिकारों पर अमेरिका में वैश्विक सम्मेलन

ट्रिनिटी वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में शुरू हो रहे तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय दलित अधिकार आयोग (आईसीडीआर) और वैश्विक सम्मेलन आयोजन समिति (जीसीओसी) द्वारा किया जा रहा है।
एयरसेल-मैक्सिस केस: अदालत के अधिकार को चुनौती

एयरसेल-मैक्सिस केस: अदालत के अधिकार को चुनौती

पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन ने सोमवार को अलग-अलग याचिकाएं दायर कर एयरेसल-मैक्सिस सौदा मामला चलाने के विशेष टूजी अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी।
आगाज तो अच्छा , अंजाम क्या होगा

आगाज तो अच्छा , अंजाम क्या होगा

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लगभग पांच लाख ट्रांसजेंडर हैं। हालांकि इनकी गिनती इससे कहीं ज्यादा है। इनके अधिकारों की बात करें तो तमिलनाडु राज्य में इन्हें सबसे अधिक अधिकार प्राप्त हैं।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
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