सैनिक कॉलोनियों और कश्मीरी पंडित बस्तियों के खिलाफ अलगाववादियों के गुरुवार को बंद के आह्वान से पहले घाटी के कई नेताओं को बुधवार को हिरासत में लिया गया या नजरबंद कर दिया गया।
कश्मीरी गेट आईएसबीटी और जेएनयू परिसर के बीच चलने वाली बस में एक देसी पिस्तौल और सिर कलम करने की धमकी वाला पत्र मिलने के बाद पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद की सुरक्षा बढ़ा दी है।
उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा शहर में मंगलवार को प्रदर्शनकारी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों की फायरिंग में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। इन मौतों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस कार्रवाई के दौरान चोट लग जाने की वजह से आज एक युवक की मौत हो गई। इससे पहले हादसे में कल घायल हुई एक महिला ने बुधवार की अहले सुबह एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। लोगों के गुस्से और अलगाववादी समूहों के घटना के विरोध में हड़ताल के आह्वान को देखते हुए प्रशासन ने हंदवाड़ा में कर्फ्यू लगाने के साथ ही श्रीनगर समेत कई क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लगा दी है।
अब श्रीनगर का शिक्षा परिसर तनावपूर्ण हो गया। महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री का पद तीन दिन पहले ही संभाला है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कश्मीर के नाम पर भारत विरोधी नारे मुद्दा बने और श्रीनगर में गैर कश्मीरी छात्रों की भारत प्रेम आवाज पर टकराव हो गया।
जम्मू-कश्मीर में भाजपा के सहयोग से सरकार गठन को लेकर पीडीपी के दावे के मद्देनजर शिवसेना ने आज यह सवाल उठाया कि क्या अब मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती आतंकी हमलों में अपनी जान गंवाने वाले कश्मीरी पंडितों के सम्मान में भारत माता की जय बोलेंगी?
दिल को छू लेने वाली कश्मीरियत की मिसाल कायम करते हुए दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के एक गांव के मुसलमानों ने एक कश्मीरी पंडित का अंतिम संस्कार किया। यह कश्मीरी पंडित आतंकवादियों के खतरे के कारण घाटी छोड़ने की बजाए अपनी जड़ों से चिपका रहा। उसने घाटी छोड़ कहीं और बसने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था जबकि उसके सभी परिजन घाटी से पलायन कर गए।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने 26 वर्ष पहले घर छोड़ने के लिए मजबूर कश्मीरी पंडितों के अपने घरों को वापस नहीं लौटने का दोष आज कश्मीरी पंडितों के सिर पर ही मढ़ दिया।
जम्मू कश्मीर की नई मुख्यमंत्री के तौर पर महबूबा मुफ्ती के नाम पर जाहिर तौर पर सहमित है, साथ ही कांग्रेस-एनसीपी की मदद से उनके सरकार बनाने के कयास भी घाटी के राजनीतिक माहौल को गरमाए हुए हैं
ब्रिटेन में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं ने जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के समझौते इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर महाराजा हरि सिंह द्वारा हस्ताक्षर किए जाने की 68वीं वर्षंगांठ मनाने के लिए ब्रिटिश संसद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।