अण्णा हजारे के जीवन पर एक फिल्म बन रही है। फिल्म का नाम अण्णा है। इस फिल्म का निर्देशन शशांक उडापुरकर ने किया है। इस फिल्म का आधिकारिक पोस्टर लांच किया गया।
रोमांटिक शैली पसंद करने के कारण ही यामी गौतम ने प्रेम कहानी पर आधारित ‘सनम रे’ और उसके बाद आगामी फिल्म ‘जुनूनियत’ में काम किया। यामी ने कहा, मेरे किरदार ने मुझे बहुत आकर्षित किया क्योंकि ये मेरी पिछली फिल्मों से बहुत अलग है।
सड़क हादसे में याद्दाश्त खो चुके सेना के एक जवान को मृत मान कर उसकी पत्नी के लिए पेंशन शुरू कर दी गई लेकिन सात साल बाद एक अन्य सड़क हादसे ने जवान की याद्दाश्त लौटा दी। आज वह जवान अपने परिवार के साथ है और उसके घर पर त्यौहार जैसा माहौल है।
व्यंग्य की दुनिया में जाना-पहचाना नाम, 4 व्यंग्य संग्रह, अवधी में दो कविता संग्रह। श्रीलाल शुक्ल संचयिता सहित 9 पुस्तकों का संपादन। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का अवधी कविता और व्यंग्य का पुरसकार। आलोचना के लिए स्पंदन सम्मान।
चिरगांव, झांसी, उ.प्र. में जन्म। जवाहर लाल विश्वविद्याल से पीएच.डी। कहीं कुछ और, किशोरी का आसमां, एक न एक दिन और कुल जमा बीस, ये आम रास्ताव नहीं, कितने कठघरे उपन्यारस। एक नई सुबह, हाट बाजार, प्रेम संबंधों की कहानियां, अस्ताचल की धूप कहानी संग्रह। स्त्री विमर्श पर भी काम। सुनो तो सही ( आलोचनात्मंक पुस्तंक) बहेलिया समय में स्त्रीर दो पुस्तकें
पुरस्कांर / सम्मारन, युवा लेखन सर्जना पुरस्काधर ( उत्ततर प्रदेश हिंदी संस्थासन द्वारा ), आर्यस्मृसति साहित्यं सम्मा न (किताब घर प्रकाशन) किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्कार, कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कानर, उत्तपर प्रदेश हिंदी संस्था न द्वारा अस्तााचल की धूप कहानी संग्रह पर सर्जना पुरस्कावर। विभिन्नल विश्वविद्यालयों में कई उपन्या सों और कहानी संग्रहों पर शोध कार्य।
प्रसिद्ध कवि और कथाकार प्रियदर्शन का जन्म 24 जून, 1968 को रांची में हुआ। उनकी कई किताबें चर्चित हुई हैं। उसके हिस्से का जादू और बारिश धुआं और दोस्त चर्चित कहानी संग्रह। नष्ट कुछ भी नहीं होता कविता संग्रह। ग्लोबल समय में कविता और ग्लोबल समय में गद्य (आलोचना)। फिल्म आलोचना पर नए दौर का नया सिनेमा नाम से पुस्तक। पत्रकारिता पर खबर-बेखबर नाम से किताब। इतिहास गढ़ता समय नाम से वैचारिक लेखन और जिंदगी लाइव नाम से जल्द ही उपन्यास आने वाला है। अनुवाद की कई किताबें। कविता संग्रह का मराठी में भी अनुवाद।
जवाहर लाल विश्विद्यालय, नई दिल्ली से हिंदी साहित्य में पीएचडी। पत्थरों के दिल में, कविता संग्रह प्रकाशित। निर्मल वर्मा की कथा भाषा और साहित्य की आत्म-सत्ता’ आलोचना पर पुस्तकें। रामचरितमानस पर लिखे गए लेख विशेष चर्चित। कुछ लेखों का अंग्रेजी में अनुवाद। कहानी ज्ञानक्षेत्रे-कुरुक्षेत्रे का नाट्य-रूपांतरण। प्रभा का संपादन।