प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माई गवर्नमेंट पहल की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को टाउन हॉल शैली में लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में मोदी ने गौ रक्षा के नाम पर दुकान चलाने वालों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ऐसे लोगों को असामाजिक तत्व बताया।
राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी सदस्यों ने अभिनेता आमिर खान के संबंध में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के कथित बयान का मुद्दा उठाते हुए हंगामा किया। सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश का बताया जाना चाहिए कि देश के अल्पसंख्यकों को वह किस प्रकार का सबक सिखाना चाहते हैं।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर भारतीय वायु सेना के लापता हुए एएन-32 विमान की तलाश जारी है। तलाशी अभियान की निगरानी के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर चेन्नई पहुंच गए हैं।
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर भी विवादों में घिरते नजर आ रहेे हैं। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार सचिन तेंदुलकर ने मसूरी में अपने दोस्त और बिजनेस पार्टनर संजय नारंग के एक अवैध निर्माण को बचाने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मदद की गुजारिश की थी। नारंग नेे मसूरी में भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ काम्प्लेक्स के पास सुरक्षा के लिहाज से नो कंस्ट्रक्शन जोन में रिसार्ट बनाया है। इस अवैध निर्माण को बचाने के लिए ही सचिन ने पर्रिकर से मदद मांगी थी।
आखिरकार क्रिकेट के धंधे से चांदी कूटने और नेतागिरी चमकाने वाले नेता लंबी कानूनी लड़ाई के बाद असली संकट में फंसे हैं। यूं पुराने खिलाड़ी होने की वह से वे वर्चस्व के लिए ‘बेनामी’ यानी कठपुतलियों को आगे बढ़ाने का फार्मूला बढ़ा सकते हैं।
क्रिकेटर से राज्यसभा सांसद बने सचिन तेंदुलकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि मसूरी स्थिति विवादित भूमि के मामले में उनका किसी तरह का हित नहीं जुड़ा है। हालांकि उन्होंने पुष्टि की है कि उन्होंने उस बैठक में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने मसूरी में अपने दोस्त के आवास के संबंध में हो रही परेशानियों को सुलझाने में मदद का आग्रह किया था।
भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड में सोमवार को हुई गोलीबारी की घटना पर गहरा अफसोस जताया जिसमें तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी। सेना ने इस घटना की जांच का भी आदेश दिया है।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने आज चीन को बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है कि दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर चीन का कोई ऐतिहासिक अधिकार नहीं है और चीन इस बारे में जो दावे करता है उसका कोई कानूनी आधार नहीं है।