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खरना कूटनीति में दिखा लालू का दम

खरना कूटनीति में दिखा लालू का दम

बिहार में चुनाव नतीजे आने के बाद भले ही नीतीश कुमार बिहार का मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हों मगर राज्य के नेताओं और नौकरशाहों को पता है कि सत्ता का केंद्र कहां रहने वाला है। तभी तो छठ पर्व के खरना वाले दिन पटना में लाल और नीली-पीली बत्ती लगी गाड़ियों की सबसे लंबी कतार लालू प्रसाद के निवास के बाहर दिखाई दे रही थी।
चुनाव में अपने अमर्यादित दावों के लिए पप्पू यादव ने मांगी माफी

चुनाव में अपने अमर्यादित दावों के लिए पप्पू यादव ने मांगी माफी

बिहार के मधेपुरा से सांसद और जनाधिकार पार्टी (जेएपी) के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज उन अमर्यादित दावों के लिए माफी मांगी है, जिनमें उन्होंने कहा था कि यदि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के दोनों बेटे बिहार विधानसभा का चुनाव जीत जाते हैं तो वह (पप्पू यादव) राजनीति छोड़ देंगे।
छठ के बाद हो सकता है नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण

छठ के बाद हो सकता है नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण

चुनावों में भारी जीत के बाद नीतीश कुमार की अगुवाई में बनने वाली महागठबंधन की सरकार छठ के बाद शपथ ग्रहण करेगी। हालांकि शपथ ग्रहण की तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि आगामी 20 नवंबर को नीतीश कुमार अपने मंत्रीमंडल के साथ शपथ ले सकते हैं।
क्रिकेट का श्रीनिवासन युग खत्म, आईसीसी अध्यक्ष पद से भी हटाया

क्रिकेट का श्रीनिवासन युग खत्म, आईसीसी अध्यक्ष पद से भी हटाया

एन श्रीनिवासन को आज आईसीसी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया जब बीसीसीआई ने उनकी जगह अपने नव निर्वाचित अध्यक्ष शशांक मनोहर को अंतरराष्टीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष के पद पर मनोनीत करने का फैसला किया। बीसीसीआई की 86वीं सालाना आम बैठक में गगन खोड़ा और एमएसके प्रसाद चयन समिति के नए सदस्य बनाने का फैसला किया गया है जबकि राजिंदर सिंह हंस और रोजर बिन्नी की जगह लेंगे। अनिल कुंबले की जगह सौरव गांगुली बीसीसीआई की तकनीकी समिति के अध्यक्ष होंगे।
प्रधानमंत्री के खिलाफ जनता का आक्रोश है यह परिणाम: लालू

प्रधानमंत्री के खिलाफ जनता का आक्रोश है यह परिणाम: लालू

बिहार विधानसभा चुनाव में 80 सीट हासिल कर राजद के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आने से उत्साहित लालू प्रसाद ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोगों में आक्रोश है जो बिहार विधानसभा के चुनाव परिणाम से जाहिर हुआ है। पटना में आज लालू ने संवाददाताओं से कहा देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आक्रोश है.. बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम ने देशवासियों को कुछ राहत राहत दी है।
भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की

भड़के कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की

बिहार विधानसभा में मिली करारी हार से भाजपा में खलबली सी मची हुई है। एक ओर पार्टी में हार को लेकर मंथन का दौर जारी है तो दूसरी ओर पार्टी के कई नेता एक दूसरे को हार का जिम्मेदार ठहराने की कोशिश में सारी हदें पार करते जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शत्रुघ्न सिन्हा पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना एक कुत्ते से कर दी है।
बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थिति को तत्काल कोई खतरा न पहुंचाएं मगर कुछ चीजें तो इसने बिलकुल साफ कर दी हैं। सबसे पहले तो इन नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी के सामने यह सबक रखा है कि समाज को बांटने वाले मुद्दे ज्यादा दूर तक आपका साथ नहीं देते। भाजपा को इस देश में अगर सही मायने में एक दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी बनना है तो उसे सामाजिक विभाजक मुद्दों से परहेज करना चाहिए। एक बार को जनता आपकी दक्षिणपंथी आर्थिक नीतियों को तो सह लेगी मगर सामाजिक विभाजक नीतियों को नहीं। वैसे भारत में आर्थिक दक्षिणपंथी नीतियों के लिए भी जगह कम ही है।
बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

पहली बार मैं किसी मामले में अमित शाह से खुद को पूरी तरह सहमत पाता हूं। यह कि बिहार चुनाव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं है।
इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

इन छह चीजों ने तय की बिहार चुनाव की तस्‍वीर

चुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लड़ने-लड़ाने वालों को छोड़कर सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे हैं। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर होता है। उसे अमेरिकी चुनाव की भी अंदरुनी जानकारी होती है तो यह कैसे कह सकते हैं कि बिहार में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

लेखकों ने किया अपने ‘साहित्यिक घर’ का घेराव

आज साहित्य अकादमी का नजारा कुछ बदला-बदला सा है। ‘लेखकों का यह घर’ मीडिया कर्मियों के जमावड़े से गुलजार था। लेखक प्रदर्शनकारियों के बाने में थे। पहली बार हुआ कि अकादमी की इमारत में जाने के लिए पहचान पूछी जा रही थी।
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