आज के समय में जहां बच्चे पढ़ाई के दम पर अपने भविष्य को संवारने में जुटे हुए हैं, वहीं शुक्रवार को एक ऐसी घटना सामने आई जिसने लोगों को चौंका दिया है। पिछले चार सालों से दो भाई-बहनों ने पढ़ाई के खौफ से खुद को कमरे में बंद कर लिया थ्ाा।
आगरा में एक मां ने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। मां ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी चिट्ठी पोस्ट की है, जिसमें उसने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी किडनी को बेचने के लिए तैयार है।
12वीं के परिणाम आने के बाद स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई के लिए निर्णायक कदम उठाते हैं। इस दौरान कोई छात्र मेडिकल में तो कोई इंजिनियरिंग में अपना भविष्य तलाशते हैं, या फिर वे अपने मनमुताबिक विषयों की पढ़ाई करने की दिशा में फैसले लेते हैं। कुछ लोग ट्रेंड से हटकर भी सोचते हैं। 2017 सीबीएसई की टॉपर रक्षा गोपाल भी इन्हीं विद्यार्थियों की तरह हैं जो कुछ अलग करना चाहती हैं।
कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।