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उपभोग बढ़ाने के लिए सरकार को सार्वजनिक खर्च बढ़ाना चाहिए : एसोचैम

उपभोग बढ़ाने के लिए सरकार को सार्वजनिक खर्च बढ़ाना चाहिए : एसोचैम

उद्योग संगठन एसोचैम का कहना है कि नोटबंदी के चलते अगली दो तिमाहियों में निजी उपभोग उल्लेखनीय तौर पर प्रभावित होगा ऐसे में सरकार को 2016-17 के दौरान सार्वजनिक व्यय को बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
मोदी सरकार ने प्रचार पर फूंके 1100 करोड़ रुपये

मोदी सरकार ने प्रचार पर फूंके 1100 करोड़ रुपये

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली वर्तमान केंद्र सरकार ने सत्ता में आने के बाद से इस वर्ष अगस्त तक यानी करीब सवा दो साल में विज्ञापनों एवं अन्य प्रचार पर 1100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर डाले हैं।
बीसीसीआई को पहले टेस्ट के लिए 58.66 लाख रुपये खर्च करने की अनुमति

बीसीसीआई को पहले टेस्ट के लिए 58.66 लाख रुपये खर्च करने की अनुमति

उच्चतम न्यायालय ने आज राज्य क्रिकेट संघों द्वारा भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृखंला के आयोजन को लेकर उत्पन्न की गयी बाधाओं को हटाते हुए बीसीसीआई को कल से शुरू होने वाले पहले मैच के लिये 58.66 लाख रूपये खर्चा करने की अनुमति दे दी और साथ ही चेताया भी कि इस राशि का कोई भी हिस्सा मेजबान सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को नहीं दिया जायेगा।
केंद्रीय सूचना आयोग ने मांगी पीएम मोदी के विदेश दौरे की फाइल

केंद्रीय सूचना आयोग ने मांगी पीएम मोदी के विदेश दौरे की फाइल

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार विदेश यात्राओं पर होने वाले खर्च और चार्टर उड़ानों की सेवा लेने की प्रक्रिया की जानकारी सार्वजनिक होने से भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ समझौता होगा? सूचना के अधिकार कानून के लिए अंतिम अपीलीय प्राधिकरण, केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने पीएमओ से मोदी के विदेश दौरे की फाइल मंगवाई है। आयोग अगले महीने इस सवाल पर गौर करेगा और तय करेगा कि पीएम के दौरे पर होने वाला व्यय, बिल समाशोधन और उड़ानों की सेवा लेने की प्रक्रिया सार्वजनिक की जानी चाहिए या नहीं।
शिवसेना का कटाक्ष, क्‍या अमित शाह की रैलियों पर नहीं खर्च होती मोटी रकम

शिवसेना का कटाक्ष, क्‍या अमित शाह की रैलियों पर नहीं खर्च होती मोटी रकम

महाराष्‍ट्र के मंत्री राजकुमार बडोले की टिप्पणी के बाद शिवेसना ने भाजपा पर करारा हमला किया है। शिवसेना ने सवाल उठाते हुए कहा है कि क्‍या भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह की रैलियों पर मोटी रकम खर्च नहीं की जाती है। बडोले ने कहा था कि राज्‍य में आरक्षण पर निकाले जा रहे मराठा मार्च धन बल की वजह से कामयाब हो रहेे हैंं।
सुशील मोदी का 'पीके' पर व़ार, 9.31 करोड़ खर्च हुए पर बिहार में 'विजन' नहीं दिखा

सुशील मोदी का 'पीके' पर व़ार, 9.31 करोड़ खर्च हुए पर बिहार में 'विजन' नहीं दिखा

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 'पीके' पर हमला किया है। मोदी ने कहा कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी और बिहार विकास मिशन के शासी निकाय के सदस्य प्रशांत किशोर अगर राज्य में अपने कामों के प्रति न्याय नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
हरियाणाः विवेकाधीन कोष से खर्च का नहीं होता हिसाब

हरियाणाः विवेकाधीन कोष से खर्च का नहीं होता हिसाब

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने ग्रामीण खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए एक धार्मिक संप्रदाय को अपने विवेकाधीन कोष से 50 लाख रुपए का दान दिया है, जिसको लेकर उनपर चौतरफा निशाना साधा जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य के सरकारी सूत्रों का कहना है कि अपने विवेकाधीन कोष से मंत्री इस प्रकार के कार्यों के लिए खर्च कर सकते हैं। जिसका उनसे हिसाब भी नहीं मांगा जाता है।
सिंहस्थ घोटाले में फंसी भाजपा सरकार

सिंहस्थ घोटाले में फंसी भाजपा सरकार

लगता है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस वर्ष का सिंहस्‍थ कुंभ बहुत भारी पड़ने वाला है। कांग्रेस ने इस सिंहस्‍थ में बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप लगाए हैं। पार्टी ने खर्चों को लेकर सारे आंकड़े मीडिया के सामने रखे हैं और इन खर्चों पर एक सरसरी नजर डालने से ही गड़बड़ियों की बू आने लगती है।
चर्चाः सेवा करने वालों का हिसाब-किताब | आलोक मेहता

चर्चाः सेवा करने वालों का हिसाब-किताब | आलोक मेहता

महान भारत देश में करीब 30 लाख संस्‍‌थाओं ने ‘स्वयंसेवी’ संगठन के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। लेकिन मात्र 10 प्रतिशत संस्‍थाएं ही अपनी आमदनी-खर्च का विवरण आयकर विभाग को देती हैं। सेवा करने वालों को अपने बही-खाते की पारदर्शिता रखने से परहेज क्यों है?
वर्षगांठ के विज्ञापनों पर 100 करोड़ खर्च कर रही मोदी सरकार

वर्षगांठ के विज्ञापनों पर 100 करोड़ खर्च कर रही मोदी सरकार

नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर सरकारी योजनाओं का महिमामंडन करने के लिए सरकार 100 करोड़ रुपया खर्च कर रही है। ऑडियो-विजुअल पब्लिसिटी निदे्शालय के सूत्रों ने एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र को बताया कि सरकार 85 करोड़ रुपये रेडियो और टेलिविजन के लिए जबकि 18 करोड़ रुपये समाचार पत्रों को विज्ञापन देने के लिए खर्च कर रही है।
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