Advertisement

Search Result : "किसी फैसले"

अदालत की नाफरमानी

अदालत की नाफरमानी

कुछ समय पहले दिल्ली उच्च न्यायालय की पार्किंग में काम करने वाले लड़के की आंतों में इन्फेक्शन हुआ। एक नामी अस्पताल में उसका इलाज चला। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने लड़के को प्रमाणपत्र दिया कि गरीब होने के कारण उसका नि:शुल्क इलाज किया जाए। कुछ समय तक लड़के का इलाज चला लेकिन पैसे न होने के चलते अस्पताल ने इलाज बीच में रोक दिया। लड़के की मौत हो गई। अस्पताल ने बिना फीस अदा किए शव देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के कुछ वकीलों ने अस्पताल के 5 लाख 70 हजार रुपये अदा किए और अस्पताल से शव लेकर उसके परिजनों के सुपुर्द किया। दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष, यूरोपियन यूनियन में प्रिंसीपल काउंसिल और भारत के पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एडवोकेट अमरजीत सिंह चंदोक इस घटना का जिक्र करते हुए पूछते हैं, 'जब दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों के यह हाल है तो क्या देश के दूसरे कोने के हालात बताने की जरूरत है?
बुझे मन से बोले पहलाज, कोर्ट के फैसले का स्वागत है

बुझे मन से बोले पहलाज, कोर्ट के फैसले का स्वागत है

उड़ता पंजाब फिल्म के मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट से मुंह की खाने के बाद केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी ने आज कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। निहलानी ने न्यायालय के उस निर्णय का स्वागत किया जिसमें फिल्म उड़ता पंजाब में सीबीएफसी द्वारा सुझाए गए संपादन को दरकिनार कर दिया गया है।
'अपराध के मामलों में किसी को नहीं बख्‍शेंगे’

'अपराध के मामलों में किसी को नहीं बख्‍शेंगे’

अपनी सरकार के कार्यकाल के चार साल से अधिक पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनौतियों के बीच भी आत्मविश्वास से लबरेज नजर आते हैं। आउटलुक से उन्होंने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश:
नदियों के पानी के लिए किसी भी बलिदान को तैयार : बादल

नदियों के पानी के लिए किसी भी बलिदान को तैयार : बादल

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने एक दफा फिर से पानी का मुद्दा छेड़ दिया है। उन्होंने दावा किया कि पंजाब के पास किसी भी राज्य के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। यहां तक कि पानी की एक बूंद भी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह याद रखा जाए कि राज्य की नदियों के जल की रक्षा के लिए वह किसी भी हद तक बलिदान करने को तैयार हैं।
योग का संबंध किसी धर्म से नहीं- राजनाथ सिंह

योग का संबंध किसी धर्म से नहीं- राजनाथ सिंह

योग का किसी धर्म कोई संबंध नहीं है जो लोग इस तरह की सोच रखते हैं, उनमें सत्यनिष्ठा, समन्वय और संतुलन की कमी है। यह बात केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय योग उत्सव के समापन पर अवसर पर कही।
हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, एक दिन सीएम रहे रावत

हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, एक दिन सीएम रहे रावत

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन अब 27 अप्रैल तक लगा रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कल के आदेश पर रोक लगा दी है।
पीएम मोदी ने भारत माता की पीठ में घोंपा छुरा: केजरीवाल

पीएम मोदी ने भारत माता की पीठ में घोंपा छुरा: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि आईएसआई के अधिकारी सहित पांच सदस्यीय पाकिस्तानी जेआईटी को पठानकोट हमले की जांच के लिए भारत आने देना पाक खुफिया एजेंसी को क्लीन चिट देने के समान था और ऐसा कर पीएम ने भारत माता की पीठ में छुरा घोंपा है।
अल्पसंख्यक दर्जा मामले में एएमयू का समर्थन नहीं करेगा केंद्र

अल्पसंख्यक दर्जा मामले में एएमयू का समर्थन नहीं करेगा केंद्र

केंद्र की राजग सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(एएमयू) को गैर-अल्पसंख्यक संस्थान करार देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की अपील को वापस लेगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट के मंदिरों में औरतों को बराबरी हक के फैसले की देश भर में गूंज

बॉम्बे हाईकोर्ट के मंदिरों में औरतों को बराबरी हक के फैसले की देश भर में गूंज

अब शबरीमला सहित बाकी मंदिरों में औरतों और दलितों के प्रवेश को बाधित करने वाली प्रथाओं के खिलाफ आवाज होगी और बुलंद
हाईकोर्ट के फैसले के बाद भूमाता ब्रिगेड शिंगणापुर के लिए रवाना

हाईकोर्ट के फैसले के बाद भूमाता ब्रिगेड शिंगणापुर के लिए रवाना

बंबई उच्च न्यायालय के आदेश से उत्साहित होकर तृप्ति देसाई के नेतृत्व में भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता आज शनि शिंगणापुर मंदिर के लिए रवाना हुईं। अहमदनगर जिले में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर की परंपरा महिलाओं को तीर्थस्थल के पवित्र चबूतरे पर प्रवेश से रोकती है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement