जेएनयू में वामपंथ को न मानने वालों के बीच एक ज़ुमला खासा मशहूर है कि देश भर के लेफ्टिस्टों को एक पिंजरे में बंद करने के लिए इंदिरा गाँधी ने जेएनयू बनाया। जेएनयू ही वो जगह है जहाँ (1969 से 2016 तक एक उदाहरण को छोड़कर जब 2001 में एबीवीपी के संदीप महापात्र कुछ वोटों से जीत गए थे) चुनाव दर चुनाव वामपंथ अपना किला सलामत रख सका है।
मृगेन पटेल ने लिखा कि जेएनयू के कुलपति परिसर में टैंक रखवाने की बात कर रहे हैं तो माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता वि.वि. के कुलपति परिसर में गौशाला बनवा रहे हैं।
दालों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, गांवों में बिजली, वन रैंक-वन पेंशन, लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट, पोस्ट ऑफिस को पेमेंट बैंक में बदलना, स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन- इन मुद्दों पर कहां खड़ी है मोदी सरकार?