Advertisement

Search Result : "केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय"

लोशाली को कारण बताओ नोटिस

लोशाली को कारण बताओ नोटिस

३१ दिसंबर की रात गुजरात में पोरबंदर तट के निकट पाकिस्तानी बोट विस्फोट मामले में कोस्ट गार्ड के डीआईजी बीके लोशाली के खुलासे और फिर खंडन ने पाकिस्तान को भारत को घेरने का मौका दे दिया। इस बीच सरकार ने लोशाली को कारण बताओ नोटिस दे दिया है।
किसने और क्यों किया दस्तावेज चोरी

किसने और क्यों किया दस्तावेज चोरी

पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कर्मचारियों सहित पांच लोगों को कथित रूप से गोपनीय सरकारी दस्तावेज को कुछ निजी सलाहकारों और उर्जा कंपनियों को लीक करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि किसने और क्यों यह दस्तावेज चोरी किया है।
मैले से मुक्ति के लिए जुटे मंत्री

मैले से मुक्ति के लिए जुटे मंत्री

केंद्र सरकार ने भारत को मैला प्रथा से मुक्त कराने की दिशा में देश भर से राज्य मंत्रियों की उच्च स्तरीय सम्मेलन बुलाया है। यह सम्मेलन दिल्ली के डीआरडीओ भवन में चल रही है और इसमें इस कुप्रथा के खात्मे के लिए अब तक उठाए गए कदमों की विवेचना हो रही है।
कड़े कदमों की आहट

कड़े कदमों की आहट

नरेंद्र मोदी ने विदेश नीति में बदलाव के संकेत देने से पहले विदेश मंत्रालय में बदलाव के संकेत पहले दे दिए। विदेश सचिव सुजाता सिंह को कार्यकाल खत्म होने से सात महीने पहले ही उन्हें अचानक उनके पद से हटाकर यह संकेत प्रधानमंत्री ने पूरी नौकरशाही को दिया। इसके बाद उन्होंने कहा, -नौकरशाही को अब समझना चाहिए कि रवैये में अंतर आया है, पहले संतुलन की बात होती थी, सक्रिय, अब तेजी से आगे बढ़ने वाली विदेश नीति अपनानी है।
ग़ाजीपुर में बीमार हैं स्वास्थ्य केंद्र

ग़ाजीपुर में बीमार हैं स्वास्थ्य केंद्र

गाजीपुर जिला चिकित्सालय के आकस्मिक चिकित्सा विभाग में सुबह के दस बजे हैं और इलाज के लिए कोई डॉक्टर नहीं है। पूछने पर पता चला कि आज डॉक्टर साहब नहीं आएंगे।
केजरीवाल ने कोई मंत्रालय नहीं रखा

केजरीवाल ने कोई मंत्रालय नहीं रखा

अरविंद केजरीवाल ने दिल्‍ली के मुख्यंत्री पद की शपथ तो ले ली है मगर अपने पास कोई मंत्रालय नहीं रखा है। उन्होंने सभी विभाग मनीष सिसौदिया समेत अन्य मंत्रियों को बांट दिया है। इसे केजरीवाल की रणनीति माना जा रहा है ताकि वह दिल्ली के जरूरी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
ग्रीन पीस मामले में गृह मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट का झटका

ग्रीन पीस मामले में गृह मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट का झटका

गृह मंत्रालय को उस समय झटका लगा जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस पर विदेशी फंड पर लगी रोक को हटा दिया। अदालत ने विदेशी चंदे को प्राप्त करने पर लगाई गई रोक को असंवैधानिक, एकपक्षीय और गैरकानूनी कदम माना। इस फैसले को गैर सरकारी संगठनों ने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी की जीत बताया।
आखिर क्या करेगा नीति आयोग?

आखिर क्या करेगा नीति आयोग?

हर ओर से यही सवाल उठ रहे हैं कि यह आयोग आखिर करेगा क्या? इसके अधिकारों और काम-काज के दायरे को अब तक परिभाषित नहीं किया गया है और फिलहाल इसे सिर्फ थिंक टैंक के रूप में लिया जा रहा है।
इंसाफ की तलाश और हिंसा का चक्र

इंसाफ की तलाश और हिंसा का चक्र

राजधानी के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक पूर्व प्रोफेसर नागरिकों की एक अनुसंधान टीम के साथ घोर मोआवादी प्रभाव वाले एक जिले में गए जहां उनके एक पूर्व छात्र पुलिस अधीक्षक हैं। पुलिस अधिकारी की अपने पूर्व शिक्षक से मुलाकात का यह गर्वीला क्षण था, उन्होंने अपने गुरु के पांव छुए और उनके साथ अपनी तस्वीर खिंचवाई। नागरिक अनुसंधान टीम ने तब तक प्रशासन, पुलिस और सरकार समर्थित नक्सल विरोधी सशस्त्र निजी सेना का पक्ष ले लिया था इसलिए प्रोफेसर ने माओवादियों का पक्ष लेने के लिए नदी पार जाने की बात कही। इस पर शिष्य पुलिस अधीक्षक तपाक से बोले, सर, आप उस पार गए कि दुश्मन की तरफ होंगे और हमारी गोली खा सकते हैं। मैंने जानबूझकर दोनों लोगों का नाम छिपाया है ताकि एक निजी गुफ्तगू दोनों के लिए सार्वजनिक झेंप की वजह न बन जाए। लेकिन उनकी बातचीत से प्रशासन की ताजा मानसिकता पता चलती है: कि अब नक्सलवादियों के साथ निबटने में बीच की कोई जनतांत्रिक जमीन नहीं बची है। न सिविल हस्तक्षेप की कोई पहल, जैसे जयप्रकाश नारायण ने 1970 के दशक में बिहार के मुसहरी में की थी। अब प्रतिनिधि शासन और माओवादियों के बीच बस मैदान-ए-जंग है।