बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की असहिष्णुता पर बयानबाजी ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील पर भारी पड़ रही है। आमिर के बयान से नाराज लोग स्नैपडील के ऐप का बहिष्कार कर रहे हैं। आमिर की भड़ास स्नैपडील पर निकाली जा रही है।
देश में असहिष्णुता के कारण बढ़ती बेचैनी पर अपनी टिप्पणी के लिए अभिनेता आमिर खान चौतरफा आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं। जहां भाजपा ने उनके बयान को देश को बदनाम करने की कांग्रेस की गहरी राजनीतिक साजिश करार दिया वहीं हिंदू सेना ने मुंबई स्थित उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर उनसे टिप्पणी वापस लेेने की मांग की।
सामाजिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध लोकप्रिय कलाकार आमिर खान ने उनकी पत्नी किरण द्वारा जाहिर किए गए डर को साझा कर देश में बन रहे एक खास तरह के माहौल पर चल रही बहस को तीखा कर दिया है
तृणमूल कांग्रेस की सांसद मुनमुन सेन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई टिप्पणी से पार्टी ने दूरी बनाते हुए इसे उनका निजी विचार बताया। तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने एक बयान में कहा, मेरी सहयोगी मुनमुन सेन द्वारा की गई टिप्पणी उनका निजी विचार है, पार्टी का नहीं।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने फिल्म अभिनेता शाहरुख को देशद्रोही बताने वाले अपने विवादित ट्वीट से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा है कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।
देश में अत्यंत खराब माहौल से उत्पन्न चिंताओं पर कोई आश्वासनकारी बयान न देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आज 50 से अधिक इतिहासकारों ने आवाज उठाई। दादरी और कलबुर्गी की हत्या जैसी घटनाओं पर लेखकों, कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और वैज्ञानिकों के बाद अब देश के इतिहासकारों ने भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई ।
मंत्री और नेताओं की बेतुकी बयानबाजी ने भाजपा व मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बाद अब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नेताओं को सोच-समझकर बोलने की नसीहत दी है।
मोदी सरकार के मंत्रियों के विवादित बोल सरकार की किरकिरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रीजीजू के उत्तर भारतीयों के बारे में विवादित बयान के बाद अब केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने फरीदाबाद में दो बच्चों को जिंदा जलाने की घटना के बारे में बेतुका बयान दिया है। वीके सिंह ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी कुत्ते को पत्थर मारता है तो उसके लिए केंद्र को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
1962 के युद्ध के बाद भारत पर चीन के हमले की आशंका से चिंतित जॉन एफ कैनेडी प्रशासन ने भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की योजना बनाई थी, जिसमें हथियार उत्पादन बढ़ाने में मदद के अलावा छह पर्वतीय इकाइयां बनाने जैसे प्रावधान शामिल थे। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।
उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल सहित 21 लेखकों द्वारा साहित्यिक सम्मान लौटाने की घोषणा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हिन्दू धर्म को विकृत करने और भारत को नष्ट करने के प्रयासों में सेकुलर ग्रंथि से पीड़ित कुछ असहिष्णु कलमकारों ने अपने तमगे लौटा दिए हैं।