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कैप्टन अमरिंदर या परनीत कौर में से एक लड़ेगा चुनाव

कैप्टन अमरिंदर या परनीत कौर में से एक लड़ेगा चुनाव

पंजाब में 117 विधानसभा सीटों के लिए वर्ष 2017 में चुनाव हैं लेकिन राजनीतिक हलचल चरम पर है। पंजाब से कांग्रेसी नेता और पटियाला से विधायक परनीत कौर का कहना है कि इस दफा परिवार का निर्णय है कि परिवार से एक ही व्यक्ति चुनाव लड़ेगा, ज्यादा संभावना है कि उनकी बजाय कैप्टन अमरिंदर सिंह चुनाव लड़ें।
पंजाब में कैप्टन को सौंपी जा सकती है कांग्रेस की कमान

पंजाब में कैप्टन को सौंपी जा सकती है कांग्रेस की कमान

पंजाब में कांग्रेस के पार्टी अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा के पद से इस्तीफा देने के साथ ही सियासी लड़ाई और तेज हो गई है। आज कांग्रेस आलाकमान दिल्ली में नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है। हालांकि पार्टी हाईकमान बाजवा के धुर विरोधी कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर झुकती नजर आ रही है। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी में बगावत पर उतरे कैप्टन नई पार्टी भी बना सकते हैं। वैसे अमरिंदर सिंह पहले भी दो दफा पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। बाजवा अब राहुल गांधी की टीम में काम करेंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह को फिर मिली पंजाब कांग्रेस की कमान

कैप्टन अमरिंदर सिंह को फिर मिली पंजाब कांग्रेस की कमान

तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए आज कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में कांग्रेस की कमान कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंप दी है। कल प्रताप सिंह बाजवा ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कैप्टन और बावजा की सियासी लड़ाई में राज्य में पार्टी नुकसान से गुजर रही थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह तीसरी दफा पार्टी अध्यक्ष बनाए गए हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों के तहत पार्टी हाई कमान पंजाब के सिलसिले में कई अहम फेरबदल किए हैं।
पंजाब कांग्रेस में फूट, बाजवा और जाखड़ ने दिया इस्तीफा

पंजाब कांग्रेस में फूट, बाजवा और जाखड़ ने दिया इस्तीफा

पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बाजवा के साथ ही पंजाब कांग्रेस विधायक दल के नेता सुनील जाखड़ ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया है। इन दोनों ही नेताओं ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
ये दिल मांगे न्याय

ये दिल मांगे न्याय

करगिल की चोटी से 'ये दिल मांगे मोर’ का नारा देने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार आज न्याय के लिए सरकारी तंत्र का चक्कर लगा रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश की जमीन को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन आज उनका परिवार अपनी ही जमीन पाने के लिए भू-माफिया से जूझ रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा के परिवार के संघर्ष में न तो सरकार का सहयोग मिल रहा है और न प्रशासन का। रोचक तथ्य तो यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक गुहार लगाने वाले इस परिवार की सुध लेने से भी मध्य प्रदेश सरकार गुरेज कर रही है।
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