भारत ने पहले हाफ में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए एफआइएच महिला हाकी विश्व लीग राउंड दो के पूल ए में आज यहां पोलैंड को 2-0 से हराकर अपना विजय अभियान जारी रखा।
आम आदमी पार्टी में चल रहे मौजूदा विवाद के बीच अण्णा की टीम के पूर्व सदस्य मुफ्ती शमून कासमी ने कहा है कि उन्होंने जब पारदर्शिता और इंडिया अगेंस्ट करप्शन को मिलने वाले चंदे का मामला उठाया था तो अरविन्द केजरीवाल ने उन्हें भी अण्णा की टीम से बाहर निकलवा दिया था।
कॉरपोरेट जासूसी मामले में अब बड़े ओहदेदारों पर भी शिकंजा कसने लगा है। एक अंग्रेजी अख़बार के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) के प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट अफेयर्स) शंकर अडवाल से पूछताछ की और उनका लैपटॉप जब्त कर लिया।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने अपने परिवार के साथ जुलाई 2013 में फ्रेंच रिविएरा में एस्सार ग्रुप की ऐशो-आराम की सुविधाओं से लैस शानदार याट पर दो रातें बिताई थी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने गडकरी और कॉरपोरेट की मिली-भगत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दर्ज कर दी है।
दिल्ली पुलिस ने कॉरपोरेट जासूसी मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रविंद्र यादव ने बताया, वन और पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पीएस जितेंद्र नागपाल और यूपीएससी के एक सदस्य के पीए विपन कुमार को गिरफ्तार किया गया है।
वर्ष 2012-13 और 2013-14 में भले ही भारतीय जनता पार्टी देश की सत्ता में नहीं थी मगर चंदा जुटाने के मामले में उसने तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को मीलों पीछे छोड़ दिया था।
सरकारी गलियारों में दूर तक पसरे हुए कॉर्पोरेट जगत के पंजे सार्वजनिक नीतियों को अपने स्वार्थ के लिए कैसे मोड़ते हैं, इसका पर्दाफाश नीरा राडिया टेप कांड ने कुछ वर्ष पहले किया था। सत्ता के गलियारों में वैसी ही कॉर्पोरेट घुसपैठ पर से वैसा ही पर्दा अब मंत्रालय जासूसी कांड उठा रहा है। प्याज के छिलकों की तरह इसकी परतें प्रतिदिन और खुलती जा रही हैं। लेकिन सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि इन परतों के नीचे छोटी-छोटी कठपुतलियां नचाने वाले बड़े-बड़े असली चेहरे सामने आते हैं या नहीं। और सामने आ भी जाएं तो उनके किए की कानूनी जवाबदेही ठहराई जाती है या नहीं।
सनसनीखेज कॉरपारेट जासूसी कांड में १२ गिरफ्तारियों के बाद पुलिस को भरोसा है कि अभी और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आउटलुक को बताया कि मामले की तह तक जाने के लिए और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है या फिर पूछताछ की जा सकती है।
कॉरपोरेट लॉबींग और सरकारी नीतियों को अपने पक्ष में मोड़ने का एक और बड़ा मामला सामने आया है। साल 2010 में कॉरपोरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया के टेप के बाहर आने पर कॉरपोरेट, मीडिया, नौकरशाही और राजनीति के गठजोड़ से बड़े पैमाने पर पर पर्दा हटते दिखा था। उसी तरह पेट्रोलियम मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज़ों को हासिल करने में बड़े कॉरपोरेट समूहों ने किस तरह के हथकंडे अपनाये यह अब सामने आ चुका है।