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क्या स्मृति चाहतीं तो बच सकती थी डॉक्टर की जान

क्या स्मृति चाहतीं तो बच सकती थी डॉक्टर की जान

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी नए विवाद में उलझती जा रहीं हैं। शनिवार की रात को यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए एक हादसे में मारे गए एक चिकित्सक के बच्चों ने स्मृति के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने घायलों की मदद करने और उन्हें अस्पताल पहुंचवाने के प्रयास किए थे।
तटरक्षक बल के नए महानिदेशक की क्या है योजनाएं

तटरक्षक बल के नए महानिदेशक की क्या है योजनाएं

श्री राजेंद्र सिंह भारतीय तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) की कमान 27 फरवरी को संभाल रहे हैं और कोस्ट गार्ड के अगले महानिदेशक होंगे। वह इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाले तटरक्षक बल के पहले अधिकारी होंगे। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है।
चर्चाः वायदों और दावों का क्या | आलोक मेहता

चर्चाः वायदों और दावों का क्या | आलोक मेहता

‘कसमें, वादे, प्यार, वफा-सब बातें हैं बातों का क्या?’ यह फिल्मी गाना पुराना हो गया। लेकिन इन दिनों जिस इलाके में जाएं, लोग सरकारों के वायदों और दावों के साथ इसी तरह के सवाल उठा रहे हैं। संसद के बजट-सत्र के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत सरकार की ‘सफलताओं का लेखा-जोखा’ आधारित भाषण पढ़ दिया।
क्या एबीवीपी सदस्यों ने लगाए थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे?

क्या एबीवीपी सदस्यों ने लगाए थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे?

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विरोध में जेएनयू में आयोजित कार्यक्रम पर पैदा हुए विवाद के तूल पकड़ने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब साझा किया जा रहा है जिसमें कथित तौर पर आरएसएस-भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते दिख रहे हैं।
ऐसा भी क्या फैशन रणवीर!

ऐसा भी क्या फैशन रणवीर!

रणवीर सिंह की गिनती स्टाइल से रहने वालों में होती है। वह फैशन के लिए नए-नए प्रयोग करने से भी नहीं चूकते हैं। इस बार एक फैशन मैग्जीन के कवर पर उन्होंने प्रयोग की इंतेहा कर दी है।
क्या एससी-एसटी को सिविल सेवा परीक्षा में मिली छूट जारी रखनी चाहिए: पैनल

क्या एससी-एसटी को सिविल सेवा परीक्षा में मिली छूट जारी रखनी चाहिए: पैनल

सिविल सेवा परीक्षा से जुड़े मुद्दों की समीक्षा के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति ने लोगों से पूछा है कि क्या अनूसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उम्मीदवारों को उम्र सीमा में मिली छूट और परीक्षा में बैठने के अधिक मौकौं को बरकरार रखा जाए?
‘विचार एबीवीपी से न मिलें तो देशद्रोही हो गए क्या?’

‘विचार एबीवीपी से न मिलें तो देशद्रोही हो गए क्या?’

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के संदर्भ में बात करें तो इस वक्त केंद्रीय संसाधन मंत्रालय द्वारा विश्वविद्लायों में एक विचारधारा थोपने की बात चल रही है। रोहित का लेना-देना सिर्फ हैदराबाद विश्वविद्लाय या वहां के प्रशासन मात्र से नहीं है बल्कि एक बड़े मसले से है। देश की विश्वविद्यालय व्यवस्था में इस समय वैचारिक हस्तक्षेप चल रहा है। वहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं। देखा जाए तो जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है तब से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सोचने लगी है कि कानून उनकी जेब में है।
सबसे पुराने दोस्त ने भाजपा से पूछा, भारी जनादेश से क्या बदला

सबसे पुराने दोस्त ने भाजपा से पूछा, भारी जनादेश से क्या बदला

पठानकोट आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में भाजपा पर अपने वार तेज करते हुए उसके सहयोगी दल शिवसेना ने आज पार्टी से पूछा है कि भारी जनादेश लेकर सत्ता में आने के बाद उसने पाकिस्तान नीति और राम मंदिर समेत विभिन्न मुद्दों पर क्या बदलाव किए हैं? इसके साथ ही शिवसेना ने यह भी कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस शासन की गलतियों को दोहरा रही है।
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