मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन शांत हो चुका गया है, लेकिन किसानों की खुदकुशी का सिलसिला जोर पकड़ रहा है। गत 8 जून से अब तक राज्य में 17 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के गांव पिपलिया व्यास में रविवार को 60 वर्षीय किसान प्यारेलाल ओड ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। अब यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। आज कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता प्यारेलाल के परिजनों से मिलने पहुंचे। इधर जिला प्रशासन ने तत्काल न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए।
मध्यप्रदेश में एक और किसान कर्ज से परेशान होकर कथित रूप से खुदकुशी कर ली है, जिसके बाद प्रदेश में बीते 10 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां किसान आंदोलन की आग लगी हुई है वहीं किसानों की मौतें भी थमने का नाम नहीं ले रही है। 24 घंटे के अंदर तीन किसानों की मौतों से एक बार फिर शिवराज सरकार पर सवालिया निशान लग गया है।
महाराष्ट्र और मध्य-प्रदेश में किसानों की आत्महत्या और आंदोलन ने देश भर को हिला कर रख दिया है। इस बीच झारखंड में भी एक किसान ने आत्महत्या ली है। जानकारी के मुताबिक कर्ज से परेशान होकर किसान ने मौत को गले लगाया।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद से जारी हिंसक विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब हिंसक प्रदर्शन मालवा क्षेत्र के अन्य जिलों में भी फैलने लगा है। अब शाजापुर-सीहोर में आंदोलनकारी उग्र हो गए जिसके चलते पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। वहीं रायसेन तहसील के देगांव थाना क्षेत्र में किसान ने सल्फास की गोली खाकर की आत्महत्या कर ली।
दिल्ली आईआईटी कैंपस की एक पीएचडी छात्रा ने पंखे से लटक कर खुदकुशी कर ली। 28 वर्षीय मृतिका शादीशुदा थी और वाटर रिसोर्स में रिसर्च कर रही थी। उसका पूरा परिवार मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहता है।
मराठी फिल्म निर्माता अतुल बी तपकीर ने आज पुणे के होटल में सुसाइड कर लिया। मौत से पहले उन्होंने फेसबुक पर एक लम्बा पोस्ट भी लिखा है। जिसमें उन्होंने फिल्म 'ढोल ताशे' में हुए भारी नुकसान और तनावपूर्ण पारिवारिक जीवन को कारण बताया है।