वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया तरीका इजाद किया है जिससे किसी के खून के जरिए उस व्यक्ति को 10 साल बाद होने वाली हृदय की बीमारी का पूर्वानुमान किया जा सकता है।
अमेरिका में फ्लोरिडा के ओरलैंडो स्थित एक ‘गे क्लब' में भारी हथियारों से लैस हमलावर ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर 50 लोगों की हत्या कर दी है। घटना में करीब 53 लोग घायल हैं। मीडिया के अनुसार अफगानिस्तान मूल के ओमर मतीन नामक व्यक्ति ने क्लब में गोलीबारी की। 29 वर्षीय अमेरिकी नागरिक मतीन न्यूयार्क में पैदा हुआ था। पुलिस ने उसे तुरंत मार गिराया। पुलिस का कहना है कि अमेरिका के इतिहास में अब तक का यह सबसे भयावह गोलीबारी कांड है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे आतंकी हमला करार दिया है।
पंजाब में प्रचंड गर्मी से राहत के लिए लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जालंधर सहित प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में पानी की बजाय आजकल राख की बारिश हो रही है। लोगों के घर की छतों और आंगन में राख की एक मोटी परत जमा हो रही है। इस बारिश का असर खाने और कपड़े पर भी हो रहा है।
विश्व में पहली बार सीअसीआर धान 310 विकसित करने में भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने सफलता पाई है। इस धान की खासियत यह है कि इसमें 11 प्रतिशत प्रोटीन है जबकि सामान्यतः दूसरी किस्मों में केवल 6 से 7 प्रतिशत तक प्रोटीन होता है।
देश के 13 राज्य गंभीर सूखे के संकट से जूझ रहे हैं। देश में औसतन हर साल 30 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि कम हो रही है। पर्यावरणविदों ने सरकार से मांग की है कि सूखे की समस्या के निपटारे के लिए दीर्घाकालीन पहल करने की जरूरत है।
सरकार ने आज कहा कि तंबाकू सेवन के खिलाफ भारत सहित विश्वभर में जारी जागरूकता अभियान के चलते अब यह जरूरी हो गया है कि देश के तंबाकू किसानों के लिए वैकल्पिक खेती के बारे में गंभीरता से विचार किया जाए।
भाजपा सरकार दस कदम आगे बढ़ने के साथ शीर्षासन के अंदाज में दो कदम पीछे हटने की कोशिश में संतुलन खो देती है। बजट को ‘सूट-बूट’ की छवि से निकालने के लिए ग्रामोन्मुख रखा गया, लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों और मजदूरों की खून-पसीने की कमाई की बचत भविष्य निधि के एक हिस्से पर टैक्स का प्रस्ताव रखकर गड़बड़ा गई है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर हैं। जहां भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। राहुल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राष्ट्रभक्ति उनके खून में है और उन्हें भाजपा तथा राष्टीय स्वयंसेवक संघ से किसी तरह के सबक की कोई जरूरत नहीं है।
घाटे का सौदा होने के कारण हर रोज ढाई हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं। और तो और देश में अभी किसानों की कोई एक परिभाषा भी नहीं है। वित्तीय योजनाओं, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो और पुलिस की नजर में किसान की अलग-अलग परिभाषाएं हैं। एेसे में किसान हितों से जुड़े लोग सवाल उठा रहे हैं कि कुछ ही समय बाद पेश होने वाले आम बजट में गांव, खेती और किसान को बचाने के लिए क्या पहल होगी।