Advertisement

Search Result : "खून से खेती"

नोटबंदी के बाद राजस्व-कारोबार बढ़ा, खेती को कोई नुकसान नहीं : जेटली

नोटबंदी के बाद राजस्व-कारोबार बढ़ा, खेती को कोई नुकसान नहीं : जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली की माने तो नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वित्त मंत्री ने जो आंकड़े पेश किए उसके हिसाब से नोटबंदी के बाद राजस्व बढ़ा है। वित्त मंत्री ने ये भी कहा है कि कई क्षेत्रों में कारोबार भी बढ़ा है और खेती को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है।
शोधयात्राः जमीनी ज्ञान की ओर बढ़ते कदम

शोधयात्राः जमीनी ज्ञान की ओर बढ़ते कदम

शरीर के किसी हिस्से से खून बहने पर लोगों का दवा लगाना या डॉक्टर के पास दौड़ना आम है लेकिन नगालैंड के सुदूर गांवों में लोग खून का रिसाव बंद करने के लिए डॉक्टरों के पास नहीं जाते। वे अपने इलाके में उगने वाले एक खास पेड़ की पत्ती तोड़कर घाव पर रख लेते हैं, जिससे कुछ ही देर में खून बहना बंद हो जाता है। सायानग्लाजा नाम के इस पत्ते को यहां डॉक्टर पत्ता भी कहा जाता है।
चढ़ाने के लिए नए खून जितना ही अच्छा है पुराना खून: अध्ययन

चढ़ाने के लिए नए खून जितना ही अच्छा है पुराना खून: अध्ययन

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मरीज को बचाने के लिए नया खून चढ़ाना बेहतर रहता है लेकिन एक नए अध्ययन में इस धारणा से विपरीत निष्कर्ष निकाले गए हैं। यह अध्ययन कहता है कि मरीजों को चढ़ाने के लिए नए खून का इस्तेमाल पुराने खून के इस्तेमाल की तुलना में मरीजों के बचने के मामलों की संख्या को बढ़ाता नहीं है। यह अध्ययन चार देशों के छह अस्पतालों में लगभग 31,500 मरीजों पर किया गया। इसमें दिखाया गया कि एकदम ताजा लिए गए खून को चढ़ाने से अस्पताल में मरने वाले मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई।
खून के लिए ली छिपकली की जान, होगी कार्रवाई

खून के लिए ली छिपकली की जान, होगी कार्रवाई

खास तरह की एक छिपकली को काटकर उसका खून ग्लास में डालकर कुछ लोगों के पीने का वायरल हुआ फुटेज तमिल टेलीविजन पर दिखाया गया, जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी दोषियों को पकड़ने के लिए हरकत में आए।
शहीद जवानों के खून की दलाली कर रहे हैं मोदी: राहुल

शहीद जवानों के खून की दलाली कर रहे हैं मोदी: राहुल

नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमले पर जारी बहसों के बीच आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जवानों की शहादत का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
नाइजीरिया में जल्‍द होगी भारतीय चावल-दलहन की खेती

नाइजीरिया में जल्‍द होगी भारतीय चावल-दलहन की खेती

चावल और दलहन की भारतीय किस्मों की खेती जल्द नाइजीरिया में शुरू हो सकती है। नाइजीरिया बड़ी मात्रा में खाद्यान्न का आयात करता है। अपनी अर्थव्यवस्था को विविधता देने के लिए नाइजीरिया तेल एवं गैस कारोबार के विकल्प के रूप में कृषि पर ध्यान देना चाहता है।
सिंधु जल पर पीएम मोदी बोले, खून और पानी साथ नहीं ब‍ह सकता

सिंधु जल पर पीएम मोदी बोले, खून और पानी साथ नहीं ब‍ह सकता

सिंधु जल समझौते पर सोमवार को बुलाई गई बैठक में पीएम मोदी ने साफ कहा है कि खून और पानी साथ नहीं बह सकता। बैठक में भारत-पाकिस्तान को कम पानी देने पर भी विचार किया गया और सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार करने को भी कहा गया। हालांकि अभी समझौता रद्द करने को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ।
हर साल दिए जाएंगे दीन दयाल उपाध्‍याय अंत्‍योदय कृषि पुरस्कार

हर साल दिए जाएंगे दीन दयाल उपाध्‍याय अंत्‍योदय कृषि पुरस्कार

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने हर साल 25 सितम्बर को राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय के जन्मदिन पर किसानों को पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कालीकट, केरल में विजेता किसानों को दीन दयाल उपाध्‍याय अंत्‍योदय कृषि पुरस्कार प्रदान करते हुए इसकी घोषणा की।
जरूरी है खेती और उद्योग

जरूरी है खेती और उद्योग

ममता बनर्जी लंबे राजनीतिक अनुभव से बहुत व्यावहारिक होती जा रही है। केजरीवाल की तरह वह सत्ता में रहकर भी हड़ताली आंदोलनकर्ता नहीं रह सकती। इसीलिए बंगाल में सिंगूर के किसानों के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने किसानों को खेती की जमीन लौटाने के साथ टाटा ग्रुप या अन्य उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने के ‌लिए समुचित जमीन और सुविधाएं देने की पहल की है। ममता जबरन जमीन के अधिग्रहण करके उद्योग लगाने की प्रवृत्ति को अनुचित मानती है।
नेशनल प्‍लेयर ने की खुदकुशी, खून से खत लिख पीएम मोदी से मांगा इंसाफ

नेशनल प्‍लेयर ने की खुदकुशी, खून से खत लिख पीएम मोदी से मांगा इंसाफ

देश में क्रिकेट के अलावा अन्‍य खेलों और उनके खिलाड़ियों की हालत कितनी खराब है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक नेशनल खिलाड़ी इसलिए मौत को गले लगा लेती है क्योंकि उसको फ्री हॉस्टल की सुविधा नहीं दी गई। हैंडबॉल खिलाड़ी पूजा पटियाला में बी.ए. सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। उचित सुविधा नहीं मिलने की वजह से उसने खुदकुशी कर ली। उसने खून से अपना सुसाइड नोट देश के पीएम नरेंद्र मोदी के नाम लिखा।
Advertisement
Advertisement
Advertisement