सिनेमा को चाहने वाले इस साल दिग्गज फिल्मकार सत्यजित रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली के साठ साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। इसी बीच रे की भारत में कम और यूरोप-अमेरिका में ज्यादा सराही गई फिल्म अरण्येर दिन रात्रि पर एक डॉक्यूमेंट्री रिवाइविंग इमेजरी सामने आई है। पिछले दिनों रांची, झारखंड में इसका प्रीमियर हुआ।
भारत एक गरीब देश है जैसे निबंध रटने वाले बच्चों को अब यह बताना होगा कि भारत गरीब नहीं रह गया है। कारण? बॉलीवुड पर नजर डाल लें तो पता चलेगा कि भारत में इतना अनाप-शनाप पैसा हो गया है कि ‘ऑल इज वेल’ जैसी फिल्म बनाई जा सकती है।
ब्रिटेन के 19 वर्षीय किशोर टॉम डेविस ने साइकिल से 30 हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए छह महीने में पूरी दुनिया का सफर तय कर लिया। इस दौरान वह भारत भी पहुंचे और इस मुकाम तक पहुंचने वाले संभवतः वह सबसे कम उम्र युवक हैं।
भेजा फ्राय और भेजा फ्राय 2 बनाने वाले निर्देशक सागर बेल्लारी ने अपनी नई फिल्म पर काम शुरू कर दिया है। सागर फिल्मों में परिस्थितिजन्य हास्य गढ़ने के लिए जाने जाते हैं। उनकी फिल्मों में संवाद से ज्यादा कलाकारों के हावभाव दर्शकों को गुदगुदाते हैं।
किशोर चौधरी रेडियो में काम करते हैं और जिंदगी की कहानियां लिखते हैं। चौराहे पर सीढ़ियां बहुत ही चर्चित कथा संग्रह रहा है। उसके बाद धूप के आइऩे में और जादू भरी लड़की को बहुत प्रशंसा प्राप्त हुई। उनकी भाषा और कहानी को बुनने का तरीका उनकी कहानियों को खास बनाता है। उनके तीनों कहानी संग्रह हिंद युग्म से प्रकाशित हुए हैं।
दिनेश पाठक चर्चित कथाकार हैं। सभी शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। कुछ कहानियों का अन्य भाषा में अनुवाद भी हुआ है। अब तक उनके नौ कथा संग्रह, दो उपन्यास और एक संपादित पुस्तक प्रकाशित हुई है। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में - शायद यह अंतहीन, धुंध भरा आकाश, जो गलत है, इन दिनों वे उदास हैं, रात के बाद, अपने ही लोग, पारुल दी, नस्ल और देखना एक दिन शामिल है।
कनॉट प्लेस स्थित ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर ने पिछले बृहस्पतिवार की शाम लोकप्रिय हिंदी साहित्य और उसमें भी जासूसी कथाओं के बादशाह स्तंभ सुरेन्द्र मोहन पाठक के साथ एक अनौपचारिक बातचीत आयोजित की। हिंद युग्म प्रकाशन के शैलेश भारतवासी और नीला स्कार्फ और हालिया रिलीज मम्मा की डायरी से चर्चित लेखिका अनु सिंह चौधरी ने उनसे बात की और जाना साहित्य की इस विधा को।
एक फास्ट ट्रैक अदालत ने 1998 में बिहार के सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट पर हुए हमले और उसके बाद पुलिस गोलीबारी से संबंधित एक मामले में मंगलवार को एक भाजपा विधायक और लोकसभा के दो पूर्व सांसदों सहित 15 लोगों को दोषी ठहराया।
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को विवादास्पद किशोर न्याय कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। संशोधित विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय करेगा कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को सुधार गृह में रखा जाये या उस पर सामान्य अदालत में मुकदमा चलाया जाये। इस बारे में बात किए जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर का कहना है ‘ यह बहुत ही गलत फैसला है। इसके तहत सिर्फ यह देखा जा रहा है कि जेलें कैसे भरी जाएं, यह नहीं देखा जा रहा कि बालसुधार गृहों में क्या सुधार किए जाएं, बच्चों को सामाजिक माहौल कैसा दिया जाए, उनकी मनोविज्ञानिक चिकित्सा के सिलसिले में क्या किया जाए या उन्हें किस प्रकार की वोकेशल ट्रेनिंग दी जाए।’