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Search Result : "गुप्त वित्तीय लेनदेन"

कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

कहानी - बेआवाज टूटती हैं कोंपलें

चिरगांव, झांसी, उ.प्र. में जन्म। जवाहर लाल विश्वविद्याल से पीएच.डी। कहीं कुछ और, किशोरी का आसमां, एक न एक दिन और कुल जमा बीस, ये आम रास्ताव नहीं, कितने कठघरे उपन्यारस। एक नई सुबह, हाट बाजार, प्रेम संबंधों की कहानियां, अस्ताचल की धूप कहानी संग्रह। स्त्री विमर्श पर भी काम। सुनो तो सही ( आलोचनात्मंक पुस्तंक) बहेलिया समय में स्त्रीर दो पुस्तकें पुरस्कांर / सम्मारन, युवा लेखन सर्जना पुरस्काधर ( उत्ततर प्रदेश हिंदी संस्थासन द्वारा ), आर्यस्मृसति साहित्यं सम्मा न (किताब घर प्रकाशन) किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्का‍र, कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कानर, उत्तपर प्रदेश हिंदी संस्था न द्वारा अस्तााचल की धूप कहानी संग्रह पर सर्जना पुरस्कावर। विभिन्नल विश्वविद्यालयों में कई उपन्या सों और कहानी संग्रहों पर शोध कार्य।
ई लेनदेन: धोखाधड़ी पर अंकुश की कवायद में जुटा रिजर्व बैंक

ई लेनदेन: धोखाधड़ी पर अंकुश की कवायद में जुटा रिजर्व बैंक

इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन (ई लेनदेन) में होने वाली धोखाधड़ी से पैदा होने वाली समस्याओं और ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक एक नियामक ढांचा तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है।
डेबिट, क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अधिभार के खिलाफ न्यायालय में याचिका

डेबिट, क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अधिभार के खिलाफ न्यायालय में याचिका

देशभर में डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये किए जाने वाले लेनदेन पर लगाए जाने वाले अधिभार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
कोलकाता पोर्ट के चेयरमैन के खिलाफ हवाला लेनदेन की जांच

कोलकाता पोर्ट के चेयरमैन के खिलाफ हवाला लेनदेन की जांच

घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन राजपाल सिंह कहलों के खिलाफ हवाला लेनदेन के मामले में जांच शुरू कर दी गई है। दूसरी और, केन्द्रीय जहाजरानी परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट ने कहलों के खिलाफ साजिश के एंगल से आंतरिक जांच शुरू कर दी है। कहलों ने दावा किया है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी एक उद्योगपति ने साजिशन उन्हें फंसाया है। उनके और कहलों के बीच कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की जमीन को लेकर ठन गई थी। उद्योगपति श्रीकांत मोहता की टेलिफल्म कंपनी के दखल वाली उस जमीन को कोलकाता पोर्ट ने हाईकोर्ट की दखल से कुछ अरसा पहले छुड़ा लिया था।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्तीय और विकास निगम की अधिकृत शेयर पूंजी में बढ़ोतरी

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्तीय और विकास निगम की अधिकृत शेयर पूंजी में बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और विकास निगम (नेशनल शिड्यूल्ड कास्ट्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन –एनएसएफडीसी) की अधिकृत शेयर पूंजी 1000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 1200 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी गई।
हर महिला को मिले वित्तीय सुरक्षा - कविता कलवाकुंटला

हर महिला को मिले वित्तीय सुरक्षा - कविता कलवाकुंटला

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और राज्य की पहली महिला सांसद कविता कलवाकुंटला राजनीति में आने से पहले अपने संगठन तेलंगाना जागृति मंच के जरिए सक्रिय रही हैं। कविता आउटलुक से विशेष बातचीत में राजनीतिक योजना और तेलंगाना के विकास को लेकर खुलकर बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
डीडीसीए विवादः कीर्ति आजाद ने दिल्ली के कंपनी रजिस्ट्रार को घेरा

डीडीसीए विवादः कीर्ति आजाद ने दिल्ली के कंपनी रजिस्ट्रार को घेरा

भाजपा के लोकसभा सांसद और देश के जाने-माने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने दिल्ली क्षेत्र के कंपनी रजिस्ट्रार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के नाम पर कंपनी रजिस्ट्रार एवं उनकी टीम ने लीपापोती की है।
गुप्त मिशन पर दो बार पाक आए थे दिलीप साहबः कसूरी

गुप्त मिशन पर दो बार पाक आए थे दिलीप साहबः कसूरी

अपने जमाने के चर्चित अभिनेता दिलीप कुमार ने भारत सरकार की तरफ से गुप्त मिशन पर दो बार पाकिस्तान का दौरा किया था। यह खुलासा पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने मुंबई में दिलीप कुमार से मुलाकात के बाद दी।
विश्वभारती के कुलपति को बर्खास्त करने की अनुशंसा

विश्वभारती के कुलपति को बर्खास्त करने की अनुशंसा

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय (शांति निकेतन) के कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता को बर्खास्त करने की अनुशंसा की है। अगर उनकी बर्खास्तगी हुई तो इस तरह हटाए जाने वाले वे किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हो सकते हैं।
कोई है, जो सुन रहा है

कोई है, जो सुन रहा है

‘कितने कठघरे’ रजनी गुप्त की नवीनतम पुस्तक है। यह विचलित कर देने वाली पुस्तक है। वस्तुतः यह पुस्तक है ही नहीं, मार्मिक गुहार है। कोई है, जो सुन रहा है ? इसको पढ़ते-पढ़ते अपने निजी घावों के टांके खुलने लगते हैं। न जाने कितने चेहरे हैं जो न्याय मांगने हमारे सामने आ खड़े होते हैं - शंकर गुहा नियोगी, सोनी सोरी, डॉ. विनायक चटर्जी - और वह पत्रकार, जो स्वामी अग्निवेश की मध्यस्थता के आश्वासन पर बस्तर गया था, उसकी हत्या ? ये कुछ नाम हैं, हजारों ऐसे नाम होंगे जो अब याद नहीं।
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