दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आंबेडकर जयंती के मौके पर एक बड़ा दांव खेला है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के दौरान जनता को शुभकामनाएं देते हुए केजरीवाल ने ऐलान किया है कि वे दिल्ली में एससी और एसटी आयोग बनाएंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने हनुमान जयंती के दिन मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में सांसदों से कहा कि वे भक्त प्रवर हनुमान जी की तरह कार्य के लिए हमेशा तत्पर रहें।
स्वर्ण मंदिर में लंगर परोस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां सेवा देने वाले देश के संभवत: पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। मोदी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ स्वर्ण मंदिर आए थे। इस दौरान उन्होंने एक बाल्टी उठा ली और लंगर में बैठे लोगों को भोजन परोसना प्रारंभ कर दिया। मुख्य सूचना आयुक्त गुरबचन सिंह ने रविवार को बताया, मोदी देश के एेसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं को लंगर परोसा है।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में शिरकत करने लखनऊ आए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने आए हैं और भाजपा को यहां से भगा देंगे।
समाजवादी पार्टी के रजत जयंति समारोह में पूरा समाजवादी कुनबा एक मंच पर इकट्ठा हुआ है। पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के बीच जारी गतिरोध भी समारोह के दौरान खत्म होता नजर आ रहा है। समारोह को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि मुझे सीएम नहीं बनना है अखिलेश मांगेगे तो खून भी दे दूंगा।
मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कैबिनेट से चाचा शिवपाल सिंह यादव सहित चार मंत्रिायों को बर्खास्त कर चुके अखिलेश यादव ने आज कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि उनके हाथ में तलवार थमायी जाए और फिर कहा जाए कि वह उसे चलायें नहीं।
टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर एक बार फिर कर्नाटक में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार और विपक्षी दल भाजपा में तलवारें खिंच गई हैं। आरएसएस भी भाजपा के पक्ष में मैदान में आ गया है। इन दोनों ने सरकार से कहा है कि अगर सरकार टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के फैसले पर कायम रहती है तो भाजपा इसके खिलाफ बेंगलुरु में राज्य व्यापी रैली करेगी। उधर कांग्रेस का कहना है कि पिछले साल भी उसने टीपू सुल्तान की जयंती मनाई थी और इस साल भी वह इस परंपरा को जारी रखेगी।
देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।