राजस्थान के मुख्य सचिव ओम प्रकाश मीणा की पत्नी ने उन पर अपनी बेटी का 13 साल की उम्र में उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है और प्रधानमंत्री से मिल कर उन्हें मामले से अवगत कराने के लिए समय देने की मांग की है।
भारत में कितने बाघ हैं। सरकार के सबसे हालिया आकलन के अनुसार यह संख्या 2,226 है। वैज्ञानिक आधार पर की गई गणनाओं का आकलन है कि यह संख्या लगभग 1500 से 3000 के बीच रह सकती है। इतना अधिक अंतर नामी परियोजना प्रोजेक्ट टाइगर को सफल या विफल बनाने में एक बड़ी वजह बन सकता है। इसलिए ये आकलन नीति निर्धारण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में उपजी बेचैनी और पार्टी में बड़े बदलाव की मांग के बीच एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लगभग दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं को अनिवार्य छुट्टी पर भेजने की मांग की है।
गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलाेंद आज चंडीगढ़ पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चंडीगढ पहुंचकर उनका स्वागत किया। फिर दोनों शहर के मशहूर रॉक गार्डन गए और बाद में भारत-फ्रांस व्यापार सम्मेलन में शामिल हुए।
अर्थशास्त्रियों ने बुधवार को सरकार को सुझाव दिया कि मौजूदा कठिन हालात में आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए सरकार को अगले वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे को सीमित करने में ढील देकर सार्वजनिक व्यय बढाने पर विचार कर सकती है।
भारत सरकार में इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी और विवेकानंद फाउंडेशन के फेलो आरएनपी सिंह को खुफिया से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में गहरा अनुभव है। उनकी राइट्स एंड रांग्स, बांग्लादेश डिकोडेड और हिंदी में दो पुस्तकें बहुत चर्चित रहीं। नेहरू: ए ट्रबल्ड लीगेसी से उन्होंने कुछ मौलिक सवाल उठाए हैं: क्या हमने कभी नेहरू के बारे में ईमानदारी से मूल्यांकन किया है और इस प्रभाव में क्या हमने देश के समकालीन इतिहास का निष्पक्ष मूल्यांकन किया है? इस पुस्तक में नेहरू के सिद्धांतवाद या अपने हित में दोहरे मानदंड अपनाने पर सवाल उठाए गए हैं।
सनी लियोन को एश्वर्या राय बच्चन से अपनी तुलना पसंद नहीं है। सनी कहती हैं कि ढोल बाजे बोल वाले गीत पर उन्होंने डांस किया है लेकिन वह जानती हैं कि यह गाना एश्वर्या के मूल सुपरहिट गाने का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है।
उनकी मुंदी आंखों के नीचे अंधेरे की गाढ़ी परत बिछी हुई थी। सरकारी अस्पताल के उस आईसीयू में गुजरे जमाने के मशहूर गवैए उस्ताद इकराम मुहम्मद खान को उनकी जिंदगी आखरी सलामी देने की तैयारी कर रही थी।