इस वर्ष का राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पूरी तरह एक नए अंदाज में मनाया गया। पहले तो हमने देखा कि किसी भी कक्षा में घुस जाने की ताकत रखने वाले हर महत्वपूर्ण सरकारी शख्स ने 'मैं भी शिक्षक’ का अपना सपना साकार किया। कड़वा सच बताना पड़ेगा कि हमारे अब तक के इस मंत्रिमंडल में सबसे कम पढ़े-लिखे लोग हैं। लेकिन उन्हें पढ़ाना अच्छा लगता है। और वे कभी-कभी पढ़ना भी पसंद करते हैं लेकिन वे अपने पसंदीदा शिक्षक और गुरुओं के गुरू आरएसएस के सिवा किसी और से पढ़ना नहीं चाहते।
हिंदी फिल्म जगत के महान कलाकार गुरूदत्त, वहीदा रहमान और माला सिन्हा की अदाकारी से सजी कालजयी फिल्म प्यासा को अगले महीने होने वाले वेनिस फिल्मोत्सव के लिए फिर से इसके मूल स्वरूप में ढाला गया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि उनके पास जो रिपोर्ट पहुंच रही है उसके अनुसार अगले विधानसभा चुनाव में यूपी में उनकी पार्टी के मंत्री बड़ी संख्या में चुनाव हारने जा रहे हैं।
रिमझिम बारिश और पूना के बेतरतीब ट्रैफिक से गुजर जब मैं वार्जे के अतुल नगर इलाके में पहुंची तो हल्की ठंडक ने थोड़ी सी सिहरन भर दी थी। जब मैं कमरे में पहुंची तो कपूर की भीनी सी खुशबू नथुनों से टकराई और लगा जैसे एक-डेढ़ घंटे की थकान धीरे-धीरे कपूर के साथ उड़ रही है। उस छोटे से कमरे में कला के विविधरूप थे। छोटी मूर्तियां, कुछ रंग और बहुत सारा संगीत। इन सबके बीच सफेद धोती, कमीज और कंधे पर गमछा डाले जो शख्स विनम्रता से आते हैं उनका नाम है, मुकुल शिवपुत्र।
'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा' का नारा देने वाले बाल गंगाधर तिलक की आज 159वीं जयंती है। देश के इस अमर क्रांतिकारी ने ब्रिटिश शासन के दौरान सबसे पहले पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी।
बॉलीवुड में अभिेषेक बच्चन ने पंद्रह साल पूरे कर लिए हैं। इसके लिए उन्होंने अपने प्रशंसकों (यदि हैं तो) को धन्यवाद दिया है। हालांकि अभिषेक ने यह 15 साल ऐसे ही नहीं गंवाएं हैं, उनके खाते में युवा और गुरु जैसी फिल्में हैं।
अब योग किसी एक संस्कृति या धर्म का नहीं रहा। यह क्रिसमस की तरह है, जो भी इसे मनाना चाहें उन सब का है। आधुनिक दौर में हमारे सुस्त और गतिहीन जीवन से उबरने का सबसे बेहतर तरीका।
महाराणा प्रताप अचानक देश की राजनीति में महत्वपूर्ण हो गए हैं। तभी तो उनकी जयंती को पूरे देश में राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मांग को लेकर देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तेलंगाना में यह अभियान जोरों पर है।