कल्पना कीजिए, राशन की सूची बन रही है, तेल, साबुन, नमक, हल्दी, निर्मल वर्मा की लाल टीन की छत। लाल टीन की छत? राशन की सूची में? हां अब तो जहां से राशन आता है वहां से मनपसंद किताबें भी आ सकती हैं।
अमेरिका की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी केंद्र सिलिकन वैली में काफी समय गुजारा। इस दौरान वह गूगल और फेसबुक जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों के मुख्यालय भी गए। करीब 30 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री के सिलिकन वैली के पहले दौर में डिजिटल इंडिया की खूब चर्चा हुई। माइक्रोसॉफ्ट से लेकर एप्पल और क्वॉलकॉम जैसी कंपनियों ने इस अभियान में दिलचस्पी दिखाई है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी दूसरी यात्रा पर न्यूयाॅर्क पहुंचे गए हैं। छह दिनों की अमेरिकी यात्रा के दौरान वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ द्विपक्षीय बैठक और संयुक्त राष्ट्र के एेतिहासिक सतत विकास शिखर सम्मेलन में विश्व के नेताओं को संबोधित करेंगे। उनका सिलिकाॅन वैली में मोदी भारतीय समुदाय तथा शीर्ष कारोबारी अधिकारियों से मिलने का भी कार्यक्रम है।
भारत में करीब 21 फीसदी लोग इंटरनेट हिंदी में देखना चाहते हैं। देश में हिंदी सामग्री की खपत सालाना 94 फीसदी की दर से बढ़ी है जबकि अंग्रेजी सामग्री की खपत में सिर्फ 19 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल के शिखर पर पहुंचने वाले सुंदर पिचई ने आईआईटी खडगपुर से बीटेक और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस की पढ़ाई मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग में की थी। इसके बाद उन्होंने व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया और 10 साल के भीतर कंपनी के सीईओ पद तक पहुंच गए। जानिए, पिचई की कौन-सी खूबियों ने दिलााई पिचई को ये कामयाबी
भारत में 857 पोर्न साइट के ब्लॉक किए जाने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। हालांकि, अभी तक सरकार ने खुलकर स्वीकार नहीं किया कि ये पोर्न साइट किसके आदेश पर और क्यों ब्लॉक कराई गई हैं। लेकिन व्यक्तिगत आजादी पर हमला बताते हुए इस कदम की काफी आलोचना हो रही है। कुछ लोग इसे सरकार के 'स्वच्छ इंटरनेट अभियान' का नाम दे रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वयस्कों को उनके कमरों में पोर्न देखने से नहीं रोका जा सकता।
इंटरनेट जगत की दिग्गज कंपनी गूगल अपने सोशल नेटवर्क गूगल प्लस को अलविदा कहने की तैयारी कर रही है। चार साल पहले फेसबुक को टक्कर देने के लिए यह सोशल नेटवर्किंग सेवा शुरू की गई थी। लेकिन पिछले कई महीनों से कंपनी ने गूगल प्लस की उपयोगी फीचर को अलग सेवा के तौर पर डेवलप करना शुरू कर दिया है। कंपनी गूगल प्लस को गूगल की सभी गतिविधियों को केंद्र नहीं बनाना चाहती है।