द्रमुक के कलानिधि मारन और दयानिधि मारन बंधुओं के सन टीवी समूह के 33 चैनलों को सुरक्षा क्लीयरेंस वापस ले लेने के केंद्रीय गृहमंत्रालय के फैसले में दखल देने का प्रधानमंत्री कार्यालय का कोई इरादा नहीं है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इन चैनलों को सुरक्षा क्लीयरेंस देने के पक्ष में है। दोनों मंत्रालय इस बारे में आमने-सामने हैं।
सरकारी विभागों से गोपनीय सूचनाएं की चोरी पर अंकुश लगान के लिए केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब सरकारी काम के लिए आउटसोर्स किए गए कर्मचारियों की सुरक्षा स्क्रीनिंग को अनिवार्य बना दिया गया है जबकि गोपनीय कामों को इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर पर करने से बचने को कहा गया है।
एनजीओ की विदेशी फंडिंग पर शिकंजा कसने में जुटी केंद्र सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की कंपनी सबरंग कम्युनिकेशन के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
गुजरात के दंगों से जुड़े मामलों को जोर-शोर से उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को घेरने का एक और प्रयास किया गया है। इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके द्वारा संचालित दो एनजीओ को विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
गुजरात में बहुत से लोगों के लिए केंद्र सरकार के एक साल पूरा होते न होते अच्छे दिन आ गए हैं। जिनके दिन और रात पहले से काले थे, उन्हें अब अमावस्या में जीने की सलाह दी जा रही है। आज की वारीख में चाहे वह इशरत जहां का फर्जी एनकाउंटर का मामला हो या सोहराबुद्दीन की हत्या का, सब मामलों में तमाम आरोपियों को जेल से मुक्ति, मुकदमों से मुक्ति की राह निकल पड़ी है। दोषियों, आरोपियों की रिहाई की यह रेल जिस तेजी से चल रही है, उसमें 2002 गुजरात नरंसहार के दोषियों को भी मुक्ति की आस बंध गई है।
वह एक हिंदू राजा की तरह अपनी पत्नी और बेटे के साथ बैठकर आंध्र की नई राजधानी के लिए भूमि पूजन कर रहे थे। वैदिक रीति से मंत्रोच्चार की गूंज चहुं दिशाओं में उठ रही थी। मुहूर्त का ध्यान पल-पल रखा जा रहा था। घड़ी ने जैसे ही सुबह के 8.49 मिनट बजाए, यह सब शुरू हो गया। बाकी तमाम साथी थोड़ी दूरी पर थे, क्यांेकि यह प्रक्रिया पति, पत्नी और बेटे (यहां राजा,रानी और राजकुमार पढ़ा जाए) द्वारा ही पूरी की जाने की बात शास्त्रों में लिखी है। बिल्कुल वैसा ही किया गया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की ओर से जारी उन दो अधिसूचनाओं पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया जिसमें केंद्र सरकार के अधिकारियों पर कार्रवाई करने के प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारों को छीन लिया था।
दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो पर कब्जे की जंग तेज होती जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से नियुक्त एसीबी के चीफ एमके मीणा को दिल्ली सरकार ने यह कहते हुए चार्ज लेने से रोक दिया कि एसीबी में संयुक्त आयुक्त का कोई पद नहीं और एसीबी में पहले से एक प्रमुख मौजूद है। दिल्ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले राज्य के गृह सचिव धर्म पाल को भी हटाने का फैसला किया है। हालांकि, उपराज्यपाल नजीब जंग ने गृह सचिव को हटाने से इन्कार कर दिया है जबकि एमके मीणा का कहना है कि वह एसीबी प्रमुख का चार्ज ले चुके हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति के आदेश को भी गृह विभाग से रद्द करवा दिया है।