गुजरात टूरिज्म के विज्ञापन में अमिताभ बच्चन दुनिया भर के दुनिया भर के पर्यटकों को सोमनाथ मंदिर आने का न्यौता देते हैं लेकिन मंदिर प्रबंधन ने बिना इजाजत गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इस फैसले के खिलाफ एनडीए के भीतर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
बॉलीवुड के बैड बॉय की छाप से लेकर फिल्म उद्योग में राज करने वाले सुपरस्टार बनने तक का सलमान खान का सफर अपने साथ जितनी परेशानियां लाया, उतनी ही सौगातें भी लाया। 49 वर्षीय सलमान को बुधवार को मुंबई की एक अदालत ने गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है।
बंद होने की चुनौती से जुझ रही ग्रीनपीस इंडिया के पास अपने अस्तित्व को बचाने के लिये सिर्फ एक महीना है। संस्था के पास अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों के लिये सिर्फ महीने भर का पैसा बचा है। गृह मंत्रालय की कार्रवाई को ‘चुपके से गला घोंटने’ जैसा बताते हुए ग्रीनपीस इंडिया ने मंत्रालय को चुनौती दी है कि वो मनमाने तरीके से दंड लगाना बंद करे और इस बात को स्वीकार करे कि वो ग्रीनपीस इंडिया को उसके सफल आंदोलनों की वजह से बंद करना चाह रहा है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने और कोरपोरेट को करों में भारी छूट देने वाली मोदी सरकार की नीतियां कामयाब नहीं होंगी क्योंकि इससे उत्पादन क्षमता पैदा नहीं होगी और लोगों के पास क्रय शक्ति नहीं है।
निवेश एवं प्रौद्योगिकी हासिल करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन देशों फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर रवाना हुए। इस दौरान असैन्य परमाणु एवं रक्षा सहित कई मुद्दों पर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री नौ दिनों की इस यात्रा के दौरान सबसे पहले फ्रांस जाएंगे।
केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की लगातार की जा रही कथित उपेक्षा के विरोध में कांग्रेस दिल्ली में धरना देने जा रही है। २४ मार्च को आयोजित इस धरने में उत्तराखंड के कई कांग्रेसी नेता भाग लेंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत इसमें हिस्सा लेंगे या नहीं यह तय नहीं है।
नरसिंह राव सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर 1991 में आर्थिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आज पेश किया गया वर्ष 2015-2016 का बजट राजग सरकार के अच्छे इरादों को जाहिर करता है लेकिन इसमें उद्देश्यों को हासिल करने के लिए किसी स्पष्ट योजना का अभाव है।
सरकारी गलियारों में दूर तक पसरे हुए कॉर्पोरेट जगत के पंजे सार्वजनिक नीतियों को अपने स्वार्थ के लिए कैसे मोड़ते हैं, इसका पर्दाफाश नीरा राडिया टेप कांड ने कुछ वर्ष पहले किया था। सत्ता के गलियारों में वैसी ही कॉर्पोरेट घुसपैठ पर से वैसा ही पर्दा अब मंत्रालय जासूसी कांड उठा रहा है। प्याज के छिलकों की तरह इसकी परतें प्रतिदिन और खुलती जा रही हैं। लेकिन सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि इन परतों के नीचे छोटी-छोटी कठपुतलियां नचाने वाले बड़े-बड़े असली चेहरे सामने आते हैं या नहीं। और सामने आ भी जाएं तो उनके किए की कानूनी जवाबदेही ठहराई जाती है या नहीं।