पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मामले पर कानूनी राय लेंगे कि क्या उनके मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू टेलीविजन पर एक मशहूर कॉमेडी शो पर सेलिब्रिटी-जज बने रह सकते हैं या नहीं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। यादव के अनुसार भितरघात और पार्टी विरोधी गतिविधियां ही यूपी में एसपी की करारी शिकस्त का कारण हैं।
उपहार अग्निकांड मामले में उच्चतम न्यायालय ने रियल एस्टेट कारोबारी गोपाल अंसल की वह याचिका आज खारिज कर दी जिसमें उन्होंने अपने भाई सुशील अंसल की तरह सजा में रियायत देने का अनुरोध किया था। गोपाल अंसल को अब एक साल की सजा में से बची हुई अवधि जेल में भुगतने के लिए समर्पण करना होगा। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, गोपाल अंसल की याचिका खारिज की जाती है।
देश में यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का दौर लगभग समाप्त हो चुका है। पूरे देश की निगाहें चुनाव परिणाम पर टिकी है। भाजपा-कांग्रेस हो या सपा-बसपा सभी जीतने का दावा कर रहे हैं लेकिन ज्योतिष जगत के अध्येताओं की राय एकदम अलग है।
बीसीसीआई के संचालन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने कहा कि क्रिकेट बोर्ड में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने की प्रक्रिया अगले चार से पांच महीने में पूरी होगी।
रियल इस्टेट कंपनी के मालिक गोपाल अंसल को एक बार फिर आज सुप्रीम कोर्ट से तत्काल राहत नहीं मिली। न्यायालय ने कहा कि वह उपहार अग्निकांड मामले में छह मार्च को उनकी अपील पर सुनवाई करेगा।
जीतू राय ने फिर से बेहतरीन वापसी का नजारा पेश करते हुए आज नई दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप निशानेबाजी में पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता जबकि एक अन्य भारतीय अमनप्रीत सिंह रजत पदक हासिल करने में सफल रहे।
शीर्ष पिस्टल निशानेबाज जीतू राय ने शानदार वापसी करते हुए आज नई दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया जिससे भारत चौथे स्थान पर है।
भारत के लिए दो सूखे दिन रहने के बाद आज खुशी का मौका तब आया जब जीतू राय और हीना सिद्धू ने आज नई दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप निशानेबाजी की 10 मीटर मिश्रित टीम एयर पिस्टल स्पर्धा में जीत दर्ज की।
किसी भी सभ्य समाज में बंधुआ मजदूरी एक कलंक है। भारत में लंबे समय से यह बुराई कायम रही है और इस खत्म करने के सरकारों के तमाम दावों के बावजूद कई जगह यह अब भी बदस्तूर जारी है।