जापानी अपराध कथा लेखक कीगो हिगाशिमो के उपन्यास, द डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट एक्स पर मलयालम में एक फिल्म बनी, दृश्यम। मोहनलाल अभिनीत यह फिल्म खूब चली। अब यही फिल्म हिंदी में दर्शकों के लिए हाजिर है।
भूतों के किस्से सुनने में किसे मजा नहीं आता। दादी-नानी की कहानियों में परियों के अलावा भूत भी स्थायी रूप से होते ही थे। भारत में कई जगहें ऐसी हैं, जिनके बारे में प्रचलित है कि वहां भूत रहते हैं। खंडहर हवेलियों की छोड़िए कई गेस्ट हाउस भी भूतों के डेरों के तौर पर मशहूर हैं। फ्रांस के वाणिज्य महादूत फैब्रिसे एतीयेन की ख्वाहिश इन्हीं गुम किस्सों को जिंदा करने की थी। उनकी इच्छा थी कि भूतों की इन कहानियों को संग्रहित किया जाए। इसलिए उन्होंने कोलकाता के अतीत को खंगालने का बीड़ा उठाया।
अगले साल फरवरी में होने वाले गेटवे साहित्योत्सव का दूसरा संस्करण भारतीय भाषाओं के साहित्य पर केंद्रित होगा। इसके आयोजक भारतीय भाषा के लेखकों को इस अयोजन में आमंत्रित करने की तैयारियों में जुटे हैं।
मुंबई में एक मुसलमान एमबीए युवक जीशान खान को हीरे का निर्यात करने वाली कंपनी हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स द्वारा मुस्लिम होने की वजह से नौकरी न दिए जाने पर हंगामा मचना स्वाभाविक है।
सरकारें और सत्ता बदलते ही सबसे पहले शहरों, कस्बों, रेलवे स्टेशनों, विमानतलों, सड़कों, गली और मोहल्लों के नाम बदलने की होड़ लग जाती है। यह अलग बात है कि लोगों के जहन में बरसों बरस वही पुराने नाम चले आते हैं।