ग्रीनपीस इंडिया को तमिलनाडु सरकार के रजिस्ट्रार (संगठन) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस के जरिये इस संस्था के परिचालन और वित्तपोषण पर सवाल उठने के कारण संस्था का पंजीकरण रद्द करने की धमकी दी गई है।
ग्रीनपीस इंडिया ने दावा किया कि उसके अंतरराष्ट्रीय स्टाफ के एक सदस्य को वैध दस्तावेज होने के बावजूद भारत में प्रवेश की इजाजत नहीं मिली। एनजीओ के अनुसार, ग्रीनपीस इंटरनेशनल के एक सदस्य एरन गैरी ब्लाक यहां के कर्मचारियों के साथ बैठक के लिए शनिवार को सिडनी से विमान से चले। वह आस्ट्रेलिया के पासपोर्ट पर सफर कर रहे थे। लेकिन उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
पर्यावरण से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्रीनपीस इंडिया को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। संस्था के दो खातों पर लगी रोक हट गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने संस्था को इन खातों के जरिए घरेलू चंदा लेने और इनके इस्तेमाल की छूट दी है।
बैंक खातों पर रोक और रजिस्ट्रेशन निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट ने ग्रीनपीस इंडिया की याचिका मंजूर कर ली है। इस मामले में हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय और कई बैंकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
ग्रीनपीस इंडिया की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई के पासपोर्ट से आधिकारिक तौर पर ऑफलोड मुहर को हटा ली गई है। इसके साथ ही खुफिया ब्यूरो द्वारा जारी विवादास्पद ‘लूक आउट सर्कुलर’की कार्रवाई के बाद पिछले चार महीनों से जारी घटनाक्रम पर विराम लग गया है।
अमेरिका ने कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए आज मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। अमेरिका का मानना है कि बदलाव लाने के लिए शांतिपूर्ण प्रयास करने वाले सरकार विरोधी नहीं हैं और न ही वे राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
महिलाओं को आवाज उनके विचारों से मिलती है, उनके विचार उनकी भावनाओं से उपजते हैं और भावनाएं जब उफान पर होती है तब एक स्त्री कविता रचती है। दलितों और महिलाओं के संघर्ष को आवाज देने और उनके अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था रमणिका फाउंडेशन और दलित लेखक संघ कविता और कहानी पाठ के कार्यक्रम आयोजित करता रहा है।
बंद होने की चुनौती से जुझ रही ग्रीनपीस इंडिया के पास अपने अस्तित्व को बचाने के लिये सिर्फ एक महीना है। संस्था के पास अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों के लिये सिर्फ महीने भर का पैसा बचा है। गृह मंत्रालय की कार्रवाई को ‘चुपके से गला घोंटने’ जैसा बताते हुए ग्रीनपीस इंडिया ने मंत्रालय को चुनौती दी है कि वो मनमाने तरीके से दंड लगाना बंद करे और इस बात को स्वीकार करे कि वो ग्रीनपीस इंडिया को उसके सफल आंदोलनों की वजह से बंद करना चाह रहा है।
सोनभद्र में 38 वर्षों से लंबित कनहर सिंचाई परियोजना को लेकर डूब क्षेत्र के ग्रामीणों और जिला प्रशासन में खूनी संघर्ष। प्रशासन ने की परियोजना स्थल की नाकाबंदी। धरनारत ग्रामीणों पर हुई गोलीबारी की जांच करने पहुंचे स्वतंत्र जांच दल को परियोजना निर्माण समर्थकों ने दो घंटे तक बनाया बंधक।
विदेशी चंदा हासिल कर रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने लगभग 9000 एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। सरकार ने यह कार्रवाई विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन करने के संबंध में की है।