राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषंगिक संगठन भारतीय मजदूर संघ के सदस्य आज वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला। साथ में वित्त मंत्रालय ने कई ट्रेड यूनियंस की बैठक भी बुलाई है।
भारत में चाय का उत्पादन मुख्य तौर पर उत्तर बंगाल में ही होता है। लेकिन अब यहां कि स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। इलाके में बड़ी संख्या में बंद और खस्ताहाल चाय बागानों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी बेचैनी बढ़ा दी है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आजम खान अक्सर अपने विवादास्पद और तीखे बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि उनमें मोदी जैसे कई गुण हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मोदी की तरह चाय बनाना आता है, ड्रम बजा सकते हैं इसलिए प्रधानमंत्री बनने के लिए फिट उम्मीदवार हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से समर्थित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़कर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने शुक्रवार दो सितंबर से देशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। आखिरी वक्त में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कई घोषणाएं कीं, लेकिन असर नहीं हुआ। इस हड़ताल को कांग्रेस के इंटक और वामो से जुड़े ट्रेड यूनियनों का समर्थन हासिल है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एक प्रमुख संगठन भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि वह उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध करेगा क्योंकि इससे आम लोगों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। हालांकि भाजपा नीत राजग सरकार ने जीएसटी को ऐतिहासिक और सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार बताया है।
महाराष्ट्र के पुणे में एक निर्माणाधीन इमारत की स्लैब गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई है। 10 से ज्यादा मजदूरों के मलबे में दबे होने की भी आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने राहत और बचाव का कार्य झटपट कर दबे हुए मजदूरों को मलबे से निकाल लिया है।
आरएसएस से जुड़े श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। गुरुवार और शुक्रवार को नागपुर में भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक में केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों पर गहरा असंतोष व्यक्त किया गया।
भारतीय मजदूर संघ ने अतंरराष्ट्रीय लेबर कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार के श्रमिक विरोधी रवैये की कड़ी आलोचना की है। गौरतलब है कि (बीएमएस) को वर्तमान सरकार समर्थक श्रमिक यूनियन माना जाता है क्योंकि इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ही खड़ा किया है।
गैर सरकारी संगठन क्राई :चाइल्ड राइट एंड यू: के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि मध्यप्रदेश में करीब सात लाख बच्चे मजदूर हैं। इनमें से तीन लाख बाल मजदूर या तो निरक्षर हैं या उनकी पढ़ाई-लिखाई मजदूरी करने की वजह से प्रभावित हो रही है।