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जरा इधर भी ध्यान दें, सेना में 8600 अधिकारियों की है कमी

जरा इधर भी ध्यान दें, सेना में 8600 अधिकारियों की है कमी

सेना में चिकित्सा और दंत चिकित्सा कोर तथा सैन्य नर्सिग सेवा को छोड़कर 8,671 अधिकारियों की कमी है। यह जानकारी उच्च सदन राज्‍यसभा में दी गई।
पंपोर में मुठभेड़ जारी, फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है सेना

पंपोर में मुठभेड़ जारी, फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है सेना

जम्मू कश्मीर के श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित पंपोर इलाके में सेना और आतंकियों के बीच सोमवार को तीसरे दिन भी मुठभेड़ जारी है। इलाके के एक सरकारी इमारत में छिपे आतंकियों का मुकाबला कर रही सेना ने कहा है कि उसे इन आतंकवादियों का सफाया करने की कोई जल्दबाजी नहीं है ताकि सुरक्षाबलों को और नुकसान न हो।
बारिश की भेंट चढ़े चार दिन, दूसरा टेस्ट ड्रा घोषित

बारिश की भेंट चढ़े चार दिन, दूसरा टेस्ट ड्रा घोषित

लगातार बारिश और मैदान गीला होने के कारण आखिरी चार दिन खेल नहीं होने के कारण भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरा टेस्ट क्रिकेट मैच आज यहां डा घोषित कर दिया गया। भारत इस तरह से चार मैचों की शृंखला में अब भी 1-0 से आगे है।
एम.एल. फोतेदार की पुस्तक  ‘द चिनार लीव्स’ में क्या‍ है खास

एम.एल. फोतेदार की पुस्तक ‘द चिनार लीव्स’ में क्या‍ है खास

माखनलाल फोतेदार की पुस्तक 'द चिनार लीव्स’ में नेहरु-गांधी परिवार के बारे में कई खुलासे किए है। इस खुलासे के बाद कांग्रेस असहज महसूस कर रही है। पुस्तक ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कमान सौंपने की तैयारी चल रही है। पुस्तक में जो खास बाते हैं प्रस्तुत है उसका प्रमुख अंश:
प्रियंका के बारे में इंदिराजी के विचार जान खुश हुए थे राजीव गांधी-एम.एल. फोतेदार

प्रियंका के बारे में इंदिराजी के विचार जान खुश हुए थे राजीव गांधी-एम.एल. फोतेदार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माखनलाल फोतेदार की बायोग्राफी 'द चिनार लीव्स’ में कई ऐसे खुलासे हुए हैं जिससे पार्टी के कई नेता असहज महसूस कर रहे हैं। नेहरु-गांधी परिवार के करीबी रहे फोतेदार की किताब इन दिनों सुर्खियों में हैं। किताब से जुड़े कई पहलुओं पर आउटलुक के विशेष संवाददाता कुमार पंकज के सवालों का एमएल फोतेदार ने खुलकर जवाब दिया। पेश है प्रमुख अंश:
राजीव गांधी की वजह से प्रधानमंत्री नहीं बन पाए प्रणब मुखर्जी!

राजीव गांधी की वजह से प्रधानमंत्री नहीं बन पाए प्रणब मुखर्जी!

साल 1990 में वी पी सिंह सरकार के पतन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन चाहते थे कि प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री बनें लेकिन राजीव गांधी ऐसा नहीं चाहते थे। वह कुछ और ही सोच रहे थे।
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