बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन बैठकों के फोटो इस तरह प्रचारित हुए, जैसे उनकी तरह के मित्र दुनिया में नहीं हैं। लेकिन परमाणु सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए नरेंद्र भाई के ‘फ्रेंड’ बराक ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में एक बार फिर भारत को पाकिस्तान की श्रेणी में खड़ा कर दिया।
वैश्विक चुनौतियों के कारण भारत की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 7.4 प्रतिशत रह जाएगी लेकिन अपेक्षाकृत अधिक सुधार से देश को विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। यह बात आज एशियाई विकास बैंक ने कही।
भले ही डोनाल्ड ट्रंप अबतक रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी हासिल नहीं कर पाए हों मगर उन्होंने अभी से यह बताना शुरू कर दिया है कि राष्ट्रपति चुने जाने के बाद वह क्या बदलाव लाने जा रहे हैं। इस कड़ी में उनकी ताजा धमकी ने पूरे विश्व समुदाय को चिंतित कर दिया है।
दुनिया बदल रही है। दस वर्ष पहले किसने कल्पना की होगी कि हवाना की वायु सीमा में अमेरिकी राष्ट्रपति का विमान उड़ सकता है? किसने सोचा होगा कि इस्लामी साम्राज्य के नाम पर होने वाले अंतरराष्ट्रीय युद्ध में ईरान जैसा कट्टरपंथी देश अपने दशकों पुराने दुश्मन अमेरिका और उसके सहयोगी यूरोपीय देशों के साथ खड़ा दिखाई देगा?
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनना हो या पाकिस्तान के साथ संबंध या सूफी सम्मेलन, भाजपा सरकार जोर-शोर से पांच कदम आगे बढ़ाती है। कुछ घंटे या कुछ दिन-सप्ताह बाद उसी पार्टी और सरकार के दो कदम पीछे जाते दिखाई देते हैं। यह लुकाछिपी के खेल जैसा है।
दुनिया के सबसे बड़े कम्युनिस्ट देश चीन के अरबपति वांग जियानलिन ने पूंजीवादी अमेरिका के समृद्धों को पीछे छोड़ दिया है। जियानलिन अकेले नहीं हैं, चीन में अरबपतियों की संख्या बढ़ती गई है। इसी तरह भारत के संपन्नतम मुकेश अंबानी भी ताजा अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में विश्व के संपन्न व्यक्तियों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। चीन और भारत में गरीबी और आर्थिक समस्याओं के बावजूद अरबपतियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप ने मंगल के महादंगल (सुपर ट्यूजडे) से पहले एक बार फिर भारत और चीन पर आरोप लगाया है कि यह दोनों देश अमेरिकी लोगों से नौकरियां छीन रहे हैं। ट्रंप ने दावा करते हुए कहा कि राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर वह ये नौकरियां वापस लाएंगे।
भारत और ब्रिक्स समूह के अन्य देशों द्वारा स्थापित किए गए नव विकास बैंक (एनडीबी) ने शनिवार को शंघाई में चीन सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत इस बैंक मुख्यालय शंघाई में रखा जाएगा। इस तरह इस इस बैंक को एक कानूनी पता मिल गया है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की जानी-मानी हस्ती केवी कामत एनडीबी के पहले प्रमुख बनाए गए हैं।
सरकार देश में आतंकवाद और कानून व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी एक्ट में फिर एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस एक्ट में 66ए के तहत इंटरनेट सुविधा पर नजर रखने का प्रावधान 2008 में किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में यह धारा इस आधार पर रद्द कर दी थी कि इससे अभिव्यक्ति की आजादी का अतिक्रमण होता है।