दुनिया बदल रही है। मगर औरतों के हालात नहीं बदल रहे। बांग्लादेश जैसी कंजरवेटिव सोसायटी में अगर घरेलू हिंसा को लेकर बात शुरू हो रही है तो एक उम्मीद तो जागती ही है।
भारतीय अमेरिकी डॉक्टरों के एक संगठन ने भारत में डॉक्टरों पर बढ़ते हमलों की निंदा की। साथ ही सगंठन ने चिकित्सीय पेशेवरों के खिलाफ होने वाली हिंसा को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप की भी मांग की है।
गुजरात के पाटन जिले में वडवाली गांव में एक साम्प्रदायिक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए हवा में कई गोलियां चलाई जिसने मकानों और वाहनों में आग लगा दी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों को निर्बाध बौद्धिक बहस के लिए पूर्वाग्रह, हिंसा या किसी कट्टर सिद्धांत से अवश्य ही मुक्त होना होगा। नालंदा में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के विदाई सत्र में मुखर्जी ने कहा कि नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला के प्राचीन शिक्षण केंद्रों ने छात्रों और शिक्षकों के रूप में दुनिया भर से मेधावी लोगों को आकर्षित किया।
केरल के कोझिकोड जिले में कोइलैंडी के निकट एक गांव में कथित रूप से माकपा कार्यकर्ताओं के एक हमले में आरएसएस के तीन स्वयंसेवक घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि कीझौयुर गांव में कल रात हुए हमले में पीडि़तों के हाथों और पैरों में चोटें आई हैं और उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले के संबंध में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर ने घात लगाकर किए गए आतंकी हमले के बाद पश्चिम के कई इलाकों में आपातकाल की घोषणा कर दी है। नाइजर इन हमलों के लिए अशांत पड़ोसी देश माली के जिहादियों को जिम्मेदार ठहराता है।
केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज केरल की पी. विजयन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि माकपा शासित केरल में राज्य प्रायोजित आतंकवाद और बर्बरता को खुली छूट मिली है।
छात्र राजनीति में आंदोलन, हड़ताल, हिंसा की घटनाएं पहले भी होती रही हैं। लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हुए टकराव में भयावह शब्दों के साथ घृणित हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के प्रमुख सत्य नडेला ने अमेरिका में हाल ही में एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर की गोली मार कर हत्या किए जाने की घटना की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि समाज में इस तरह की हिंसा और कट्टरपन के लिए कोई जगह नहीं है।
देश में नक्सली अभी भी सबसे खतरनाक बने हुए हैं। अरातकतावादी माओवादी संगठनों ने पिछले साल आईईडी और दूसरे घातक हथियारों के उपयोग से सबसे ज्यादा सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों की जान ली। नक्सलियों ने साल 2016 में सबसे ज्यादा आईईडी धमाके किए।