नोटबंदी के ऐलान के बाद मोदी सरकार ने दावा किया था कि इससे काला धन बर्बाद होगा लेकिन जिस तेजी से बैंकों में पुराने नोटों के भंडार भर रहे हैं, उससे ये दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कर दिए जाने के के बाद सरकार खुद अपने अनुमानों में घिरती नजर आ रही है।
बेंगलुरू से पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी जब्त करने के बाद आयकर अधिकारियों ने उडुपी से तीन व्यक्तियों के पास से दो-दो हजार रुपये के नोट वाली 71 लाख रुपये की राशि जब्त की है।
चुनाव आयोग (ईसी) ने आम आदमी पार्टी (आप) से पंजाब के लिए जारी उसके घोषणा-पत्रों को जमा करने को कहा है, क्योंकि यह राजनीतिक दलों के लिए अनिवार्य है। इन घोषणा-पत्रों में दलितों और किसानों पर पार्टी द्वारा जारी घोषणाएं शामिल हैं।
सरकार ने कालाधन रखने वालों को एक और मौका देते हुए नोटबंदी के बाद जमा राशि की घोषणा पर कर, जुर्माना तथा अधिभार के रूप में कुल 50 प्रतिशत वसूली का प्रस्ताव आज संसद में किया। सरकार ने यह भी प्रस्ताव किया है कि इस अवधि में धन जमा कराने वालों के बारे में यदि यह सबित हुआ कि उन्होंने काला धन रखा है तो उनसे अधिक ऊंची दर और कड़े जुर्माने के साथ कुल 85 प्रतिशत की दर से वसूली की जाएगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नोटबंदी पर अभी गुस्सा थमा नहीं है। शुक्रवार को उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी नोटबंदी के मुद्दे पर झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 500 और 1000 रूपए के नोटों को अमान्य करार दिए जाने के कारण लोग 1.28 लाख करोड़ रूपए की राशि से हमेशा के लिए हाथ धो बैठे हैं।
कैबिनेट की बैठक में सरकार ने आज यह विचार किया कि नोटबंदी के बाद बैंक खातों में यदि बड़ी मात्रा में राशि जमा कराई गई हो तो उसपर किस दर से कर लगाया जाए और क्या इसके लिए कानून में संशोधन किया जाए।
नोटबंदी पर राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। मनमोहन सिंह ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम से लोगों का विश्वास कमजोर हुआ है। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि नोटबंदी लंबे समय में फायदा देगी उन्हें अपने बयान वापस लेना चाहिए क्योंकि उस लंबे समय में हम सब मर चुके होंगे। मनमोहन ने कहा कि नोटबंदी लागू करने में कुप्रंबधन देखने को मिला है। इससे देश की जीडीपी ग्रोथ 2 प्रतिशत तक कम होगी। मनमोहन सिंह जब बोल रहे थे तब पीएम मोदी का चेहरा थोड़ा लटका हुआ दिख रहा था।
पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी के बाद ग्रामीण लोगों के जीवन पर व्यापक असर पड़ा है। अक्टूबर 2014 में आदर्श ग्राम योजना के तहत देशभर के सांसदों ने जिन गांवों को गोद लेेकर विकास कराने का जिम्मा लिया वहां भी बैंकों का अभाव है। नतीजा नोटबंदी के बाद आदर्श गांवों के ग्रामीण्ा लोगों को बैंकों के लिए भटकना पड़ रहा है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि भाजपा सांसदों के गोद लिए गांवों में बैंक नहीं होने की वजह से ग्रामीण अपनी नकदी को लेकर खासे परेशान हैं।