दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए व्यवस्था दी है कि बलात्कार के कारण जन्म लेने वाला बच्चा उसकी मां को मिले किसी भी तरह के मुआवजे से अलग मुआवजे का हकदार है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बाल अधिकार के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्घता जताई और कहा कि इस समस्या का समाधान सभी को मिलकर करना होगा। प्रणब मुखर्जी ने यह बात राष्ट्रपति भवन में आयोजित दो दिवसीय लॉरिएट्स एंड लीडर्स सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर कही।
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री न सिर्फ दुनिया भर में बल्कि खुद अपने ही देश में घिरते जा रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम न उठाने और उसे संरक्षण देने का आरोप झेल रही पाकिस्तानी सरकार से सत्तारूढ़ पार्टी के ही एक सांसद ने सवाल पूछा, आखिर हाफिज सईद ऐसे कौन से अंडे देता है जिसकी वजह से हमने उसे पाल रखा है।
परिजन और निकट के रिश्तेदारों द्वारा यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पॉक्सो ई-बॉक्स पहल शुरू की है जिसके जरिये पीड़ित बच्चे अपनी शिकायत सीधे आयोग तक पहुंचा सकते हैं।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को आरोप लगाते हुए कहा कि एक केंद्रीय मंत्री के संरक्षण में जीबी रोड में कोठे चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लगातार इस इलाके में जाकर पूछताछ की हैं। इसी दौरान उन्हें पता चला है कि केंद्र सरकार के एक मंत्री की देखरेख में यहां के कोठे चल रहे हैं। गौर हो कि आयोग में नियुक्तियों को लेकर मालीवाल पर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में मामला दर्ज किया गया है।
विभिन्न धर्मों और पंथों से नाता रखने वाले करीब 25 धार्मिक समूहों के प्रमुखों ने केन्द्र से अनुरोध किया है कि वह गंगा के संरक्षण के लिए नया कानून बनाए। गंगा दुनिया की उन नदियों में शामिल है जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को अलग पहचान प्रदान करने और उनका शोषण करने वालों को दंडित करने की व्यवस्था कायम करने के मकसद से मंगलवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दलितों पर हमले की हालिया घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर उन पर निशाना साधा है। माकपा महासचिव सीतीराम येचुरी ने कहा कि मोदी की चुप्पी उनकी ओर से हमलावरों को एक तरह से संरक्षण देना है।
भारत में कितने बाघ हैं। सरकार के सबसे हालिया आकलन के अनुसार यह संख्या 2,226 है। वैज्ञानिक आधार पर की गई गणनाओं का आकलन है कि यह संख्या लगभग 1500 से 3000 के बीच रह सकती है। इतना अधिक अंतर नामी परियोजना प्रोजेक्ट टाइगर को सफल या विफल बनाने में एक बड़ी वजह बन सकता है। इसलिए ये आकलन नीति निर्धारण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
लोकतंत्र की यही ताकत है। केवल विरोधी अथवा गैर सरकारी संगठन नहीं केंद्र सरकार की वरिष्ठ मंत्री सुश्री उमा भारती ने बुंदेलखंड की प्यासी जमीन और लाखों लोगों को राहत देने के लिए केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं मिलने की स्थिति में अनशन सहित आंदोलन की घोषणा कर दी है। उमाजी स्वयं जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं। नदी जोड़ परियोजना उनके मंत्रालय के तहत है। वह स्वयं बुंदेलखंड की चुनी हुई जन प्रतिनिधि हैं।