देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश:
क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की लोढ़ा समिति की सिफारिश मान ली गई तो सरकारी खजाने में दस से बारह हजार करोड़ रुपये आ सकते हैं। हालांकि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने समिति की कई सिफारिशों को मानने से इनकार कर दिया है।
उच्चतम न्यायालय से नियुक्त लोढ़ा समिति ने सोमवार को विवादों से घिरे बीसीसीआई के लिए आमूलचूल बदलावों की सिफारिश की जिनमें मंत्रियों को पद हासिल करने से रोकना, पदाधिकारियों के लिये उम्र और कार्यकाल की समयसीमा का निर्धारण और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देना भी शामिल है।
अमेरिका की एक अदालत ने ओबामा प्रशासन द्वारा नरेंद्र मोदी के अमेरिका में प्रवेश पर लागू प्रतिबंध को हटाने के निर्णय से संबद्धित सभी दस्तावेज को फरवरी तक पेश करने का आदेश दिया है। अमेरिकी अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद वहां के विदेश विभाग को यह निर्देश जारी किया है।
दिल्ली को दमघोंटू प्रदूषण से बचाने के लिए सम, विषम नंबर के आधार पर एक दिन छोड़कर गाड़ियां चलाने की योजना को भारत के चीफ जस्टिस से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है।
असहिष्णुता पर छिड़ी बहस को राजनीतिक मुद्दा करार देते हुए भारत के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा है कि जब तक न्यायपालिका स्वतंत्र और विधि के शासन को बनाए रखने वाली है, तब तक किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
तुर्की में राष्ट्रपति रीसेप तयैप अरडोगन के नेतृत्व वाली जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (एकेपी) को बड़ी जीत मिली है। इसके साथ ही तुर्की में एक बार फिर से एकल पार्टी शासन की वापसी हो गई है।
मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) की याचिका पर गुरुवार को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को नोटिस भेजा है। सीएसके ने न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति द्वारा टीम को इंडियन प्रीमियर लीग से निलंबित करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। यह आदेश टीम के शीर्ष अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन के 2013 में सट्टेबाजी में संलिप्त होने के आधार पर दिया गया है।