पाकिस्तान ने कहा है कि सभी दया याचिकाओं के निपटारे तक भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक बयान में यह बात कही है।
भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी देने के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पहले चरण की लड़ाई हार चुके पाकिस्तान ने अब इस मामले में नया पैंतरा आजमाया है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि पाकिस्तान में हाल में हुए आतंकी हमलों के बारे में जाधव उन्हें महत्वपूर्ण खुफिया जानकारियां मुहैया करा रहा है।
कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की अंतरिम रोक को मानने से पाकिस्तान ने इंंकार कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय का कहना है देश के अंदरुनी मामलों में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) दखल नहीं दे सकती। यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
भारत ने हेग की इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव के मामले में अपना पक्ष रख दिया है। भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने आईसीजे में पैरवी की। उन्होंने कहा कि इस मामले में पाकिस्तान ने जबरन लिए गए इकबालिया बयान के आधार पर जाधव को फांसी की सजा सुना दी है। दूसरी ओर पाकिस्तान के वकील क्यू. सी. कुरैशी ने भारत के दावों को खारिज करते हुए कहा है जाधव के मामले में इकबालिया बयान का वीडियो पुख्ता सबूत है।
भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर अंंतरराष्ट्रीय न्यायालय की रोक को भारत की कूटनीतिक समझदारी की कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी है। जिसके खिलाफ भारत ने अंंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। जाधव को जासूसी करने के आरोप में पाकिस्तान द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाई गई है। सजा के बाद जाधव की मां ने पाकिस्तान सरकार को बेटे की रिहाई के लिए पत्र लिखा है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत ने कुलभूषण जाधव के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाहियों के साथ-साथ इस मामले में अपील की प्रक्रिया का पूरा ब्योरा आधिकारिक तौर पर मांगा है।