मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से राकेश मारिया को हटाकर महानिदेशक, होमगार्ड रहे अहमद जावेद को मुंबई का नया आयुक्त बनाया गया है। बहुचर्चित शीना बोरा हत्या की जांच के मध्य में हुए इस तबादले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि देर शाम नाटकीय घटनाक्रम में सरकार की ओर से गृह सचिव ने बताया कि तबादले और प्रोन्नति के बावजूद मारिया शीना बोरा हत्या मामले की जांच की निरानी करते रहेंगे।
बिहार का कोशी क्षेत्र लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए के लिए बुरा सपना साबित हुआ था। यहां पर एनडीए को एक भी सीट जीतने में कामयाबी नहीं मिली थी। कभी कांग्रेस का गढ़ रहा यह क्षेत्र कालांतर में पहले लालू प्रसाद और फिर जद-यू-भाजपा का दुर्ग बना मगर लोकसभा चुनाव में यहां मिली हार ने भाजपा को इस क्षेत्र में नई रणनीति बनाने के लिए मजबूर कर दिया।
सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके प्रसिद्ध गीतकार, पटकथाकार और कवि जावेद अख्तर ने एक समय किसी छोटे शहर भाग जाने और वहां किसी छद्म नाम के साथ रहने के बारे में सोचा था क्योंकि उन्हें लगा था कि वह अब और लेखन नहीं कर सकते।
गुजरात पुलिस ने ट्रस्ट के धन के कथित गबन के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा है कि उन्होंने और उनके पति ने कल्याण कार्यों के लिए मिले धन का गबन शराब और विलासिता जैसे अपने निजी खर्चों के लिए किया और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की कोशिश की।
गुजरात के दंगों से जुड़े मामलों को जोर-शोर से उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को घेरने का एक और प्रयास किया गया है। इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके द्वारा संचालित दो एनजीओ को विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने मंगलवार को यहां एनपीटी समीक्षा सम्मेलन में कहा, परमाणु हथियार संपन्न देशों ने अपने परमाणु हथियारों को समाप्त करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं की है।
युवाओं की पसंदीदा फिल्म कल हो न हो की लोकप्रियता इतने सालों बाद भी कायम है। इस फिल्म के प्रसिद्ध शीर्षक गाने पर जर्मनी के राजदूत माइकेल स्टाइनर, उनकी पत्नी एलीस स्टाइनर और भूतपूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अभिनय किया है।
गुजरात सरकार के लिए परेशानी खड़ी करने का साहस रखने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। उनकी संस्था को आर्थिक सहयोग करने वाली अमेरिका की संस्था फोर्ड के खिलाफ केंद्र सरकार ने मोर्चा खोल दिया है।
हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शायर और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने श्रोताओं से रूबरू होते हुए कई राज जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1976 तक उन्होंने शायरी शुरू नहीं की थी। उस वक्त वह 31 वर्ष के थे, जबकि इस उम्र में लोग शायरी कर चुके होते हैं। 12 वर्ष की उम्र तक उन्हें सैकड़ों और 15 वर्ष की उम्र तक उन्हें लाख से ज्यादा शेयर याद थे। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं क्योंकि लखनऊ में अपने ननिहाल में उन्हें अपने मामा मजाज साहब समेत उस दौर के तमाम नामी शायरों का साथ मिला, जिनके साथ वह बच्चों की तरह रहे।