Advertisement

Search Result : "जासूसी कांड"

चुनावी फायदे के लिए दादरी कांड का इस्‍तेमाल: शिवसेना

चुनावी फायदे के लिए दादरी कांड का इस्‍तेमाल: शिवसेना

गोमांस खाने की अफवाह पर दादरी में एक व्यक्ति की हत्या की घटना पर मचे घमासान के बीच शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने आज कहा कि घटना का इस्तेमाल बिहार चुनाव के लिए राजनीतिक औजार के रूप में किया जा रहा है। इसने आरोप लगाया कि राजनीति के लिए धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है।
तीन लोगों ने रची दादरी साजिश, करेंगे कड़ी कार्रवाई: मुलायम

तीन लोगों ने रची दादरी साजिश, करेंगे कड़ी कार्रवाई: मुलायम

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने दादरी घटना को गहरी साजिश करार देते हुए कहा है कि इस मामले में तीन लोगों के नाम सामने आए हैं। समीक्षा के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी भले ही उत्तर प्रदेश सरकार को कुर्बान ही क्यों ना करना पड़ जाए।
दादरी पर मोदी ने तोड़ी चुप्‍पी, बोले-राष्‍ट्रपति की सुनो

दादरी पर मोदी ने तोड़ी चुप्‍पी, बोले-राष्‍ट्रपति की सुनो

दादरी कांड पर अपनी चुप्‍पी को लेकर घिरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिकार इस तरह इशारा करते हुए नेताओं के ऊटपटांग बयानों पर ध्‍यान न देने की अपील की है।
अल्पसंख्यकों,दलितों पर हमलों के खिलाफ प्रदर्शन

अल्पसंख्यकों,दलितों पर हमलों के खिलाफ प्रदर्शन

दादरी कांड से गुस्साए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ने को कह रहे मुस्लिम समुदाय के लोग आज जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन में न केवल दादरी कांड बल्कि पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा में मारे जा रहे मुसलमानों के लिए न्याय की मांग की जाएगी। गौरतलब है कि बीते दिनों दादरी के गांव बिसहड़ा में 50 वर्षीय अखलाक अहमद के घर में गोमांस होने की अफवाह फैलाई गई। जिसके बाद उग्र हिंदू चरमपंथियों की भीड़ ने अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी।
आजम ने संयुक्त राष्‍ट्र से की दादरी कांड की शिकायत

आजम ने संयुक्त राष्‍ट्र से की दादरी कांड की शिकायत

नोएडा के दादरी स्थित बिसाहड़ा गांव में गोवध के आरोप में एक मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या को लेकर मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खां ने आज संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिखकर देश में मुसलमानों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की।
झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ के पेटलवाद में डिटोनेटर का अवैध कारोबार सौ के करीब जिंदगियां लील गया। सिलसिला थमा नहीं है। झाबुआ कांड से भी अगर सरकार नहीं जागती है तो राजस्थान के अरावली क्षेत्र में झाबुआ कांड होते देर नहीं लगेगी। एक तरह से बारूद के ढेर पर बैठा है यह इलाका। खनन का विरोध करने वाले गांववासी हजारों दफा शिकायत कर चुके हैं। डिटोनेटर के कई ट्रक पकड़वा चुके हैं। यहां तक कि इस इलाके में जाने पर डिटोनेटर की पेटियां खुले में यहां-वहां पड़ी मिल जाती हैं लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन बिल्कुल मूक हैं। गांववासियों की कोई सुनवाई नहीं।
राजस्थानः रिश्‍वतकांड में प्रमुख सचिव समेत 8 गिरफ्तार

राजस्थानः रिश्‍वतकांड में प्रमुख सचिव समेत 8 गिरफ्तार

राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने चितौड़गढ की बंद खानों को पुनः शुरू करने की एवज में कथित रूप से रिश्वत लेने के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं राजस्थान के खनन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक सिंघवी और खान विभाग में अतिरिक्त निदेशक, अधीक्षण अभियंता समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
मिर्चपुर कांड में मूकदर्शक बनी रही पुलिस: जांच आयोग

मिर्चपुर कांड में मूकदर्शक बनी रही पुलिस: जांच आयोग

हरियाणा में हिसार जिले के मिर्चपुर में दलितों के साथ हुई हिंसा की जांच करने वाले जस्टिस इकबाल सिंह आयोग ने पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने और भयानक घटना को रोकने के लिए समय पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। एक सदस्यीय इकबाल सिंह आयोग ने कहा कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही और स्थिति पर काबू पाने में नाकाम रही।
मेरी ही जासूसी क्यों-अनिल विज

मेरी ही जासूसी क्यों-अनिल विज

हरियाणा में कमल वाली सरकार आने के बाद से लेकर अभी तक कोई करिश्मा नहीं हुआ। वादों की जमीन बंजर है। लेकिन एक मंत्री ऐसे हैं जिनका अपने विभाग के काम को लेकर ऐसा जुनून है कि इतनी चर्चा सरकारी योजनाओं की नहीं होती जितनी उनके ट्वीट की हो जाती है। जब से इन्होंने पदभार संभाला है तब से छापे और बर्खास्तगियां आम बात है। वह कभी अस्पताल तो कभी सचिवालय की छत पर खुद चढक़र पानी की टंकी साफ करने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग में इनका ऐसा हौवा है कि हरियाणा में एक जुमला कहा जाने लगा है, ‘भाग नहीं तो अनिल विज आ जाएगा’। पांच दफा विधायक चुने जा चुके साफ-सुथरी छवि के विज ने न तो सरकारी मकान लिया, न टेलीफोन सुविधा। गलत निर्णयों में अपनी ही सरकार की ऐसी-तेसी करने से भी नहीं डरते।
Advertisement
Advertisement
Advertisement