रिलायंस जियो के विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल को लेकर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगर कोई डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा कर रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रिलायंस जियो की सस्ती डाटा स्कीम पर निशाना साधते हुए सवालिया लहजे में कहा कि गरीब डाटा खाएगा या आटा?
रिलायंस जियो के अत्यधिक सस्ते डाटा प्लान से निबटने के लिए कंपनियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस कड़ी में सबसे पहले सरकारी कंपनी बीएसएनएल सामने आई है जिसने 249 रुपये में असीमित वायरलाइन ब्राडबैंड प्लान देने का ऐलान किया है।
रिलायंस जियो को अगले दो-तीन साल में लाभ में आने के लिए 7.5 से 8 करोड़ ऐसे उपभोक्ताओं की जरूरत होगी जो अपने मोबाइल बिलों पर औसतन मासिक 180 रुपये खर्च करते हों।
रिलायंस इंडस्टीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज जियो के ग्राहकों के लिए मुफ्त वॉयस कॉलिंग, शून्य रोमिंग शुल्क और सस्ती डेटा दरों की घोषणा की। इसके अलावा अंबानी ने जियो ग्राहकों के लिए पांच सितंबर से 31 दिसंबर तक के लिए मुफ्त वेलकम ऑफर की भी घोषणा की। जियो शुरूआती चार महीनों के लिए मुफ्त डेटा सेवाओं की पेशकश कर रही है और उसके बाद वह डेटा के दस प्लानों की पेशकश करेगी।
पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम में स्थित अशांत बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में एक अस्पताल में हुए बम विस्फोट में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। विस्फोट के बाद घटनास्थल पर गोलीबारी भी हुई।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को देशभर के मुस्लिम युवकों से इस्लाम के लिए जीने की अपील की। ओवैसी ने युवकों से कहा इस्लाम के लिए जियो, मरो नहीं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सोमवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान के लिए कभी भी बातचीत और अपनाइयत का दरवाजा नहीं खोला। अजीज का यह बयान भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की कल की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने बातचीत के अवसर धीरे-धीरे खत्म होने की बात कही थी।
क्षेत्रीय दलों में समाजवादी पार्टी चुनाव में चंदा लेने और खर्च करने में अव्वल है। नेशनल इलेक्शन वॉच और एडीआर द्वारा जारी आंकड़ाें के मुताबिक 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान क्षेत्रीय दलों में चंदा लेने और खर्च में सपा सबसे आगे रही।