बेंगलुरू में भारत-जर्मनी व्यवसायी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने-अपने देश मे निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
हालांकि कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और वाम दलों की ओर से असहमति के नोट लगाये गये हैं। इन पार्टियों ने मौजूदा स्वरूप में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पर अपना विरोध जताया है।
यूनान की जनता ने अंतरराष्ट्रीय अार्थिक मदद (बेलआउट पैकेज) की शर्तों को जनमत संग्रह में जोरदार तरीके से ठुकरा दिया है। इसके साथ ही यूनान और यूरोप की साझा मुद्रा के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज के बदले खर्चों में कटौती की शर्तों को यूनान के 61 फीसदी लोगों ने 'ना' पर मुहर लगाकर नकार दिया। इस फैसले के बाद यूनान के यूरोजोन से बाहर होने की आशंका बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज की शर्तों के खारिज होने का सीधा मतलब है कि आईएमएफ और यूरोपीय संघ से कर्ज के लिए चल रही यूनान की वार्ता को झटका लगेगा।
कांग्रेस ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है कि संसद में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित करने का रास्ता साफ करने के लिए उसका भारतीय जनता पार्टी या सरकार से कोई सौदा हुआ है।
केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अप्रैल 2016 से लागू करने का मन बनाया है लेकिन राज्यों की ओर से नई मांग सामने आने से इसमें अड़चनें आ सकती हैं।
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के एक साल पूरे होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सरकार के एक साल के लेखे-जोखे के साथ शुक्रवार को मीडिया के सामने आए। वैसे लोगों को उम्मीद थी कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर सामने आएंगे मगर ऐसा नहीं हुआ। जेटली ने पहले सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और फिर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून लागू हो जाता है तो सालभर में दस लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को जीएसटी के लिए पंजीकरण या कर नहीं चुकाना पड़ेगा।
सत्ता में आने के बाद, एक साल से भी कम समय में अब नई सरकार देश की सबसे अहम आर्थिक समस्याओं एवं कम लागत में कारोबार शुरु करने जैसे मुद्दों से निबटने को तैयार है।