इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी की ग्रोथ तीन साल के न्यूनतम स्तर पर 5.7 पर आ गई है। जीडीपी गिरने का एक कारण नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी को भी माना जा रहा है।
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर चुनौतीपूर्ण हालात का अंदाजा सोमवार को जारी हुए सरकारी आंकड़े से लगाया जा सकता है, जिसके अनुसार आठ बुनियादी उद्योग की विकास दर घटकर महज 0.4 फीसदी पर रह गई है जो एक साल पहले यह 7 फीसदी थी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बाद फिर केंद्र की मोदी सरकार पर भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार अपने फेलियर को छुपाने के लिए कई अलग तरह के मुद्दों को उठा रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद महंगाई बढ़ने की आशंका जताते हुए डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाए जाने की आवश्यकता पर आज बल दिया। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का जो अस्थायी प्रतिकूल असर था वह काफी हद तक कमजोर पड़ चुका है।
कांग्रेस ने जीडीपी आंकड़ों को हैरानी भरा और बेहद संदेहास्पद बताया है जो कि भारत की वैश्विक साख को खत्म कर सकता है और साथ ही प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के बाद आये सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: सम्बन्धी आंकड़ों को विरोधियों के दुष्प्रचार का करारा जवाब करार देते हुए बुधवार को कहा कि देश के ईमानदार लोगों, किसानों और नौजवानों ने जीडीपी में सुधार के जरिये हार्वर्ड और हार्ड वर्क वालों की सोच के बीच फर्क जाहिर कर दिया है।