स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।
बिहार में अब न शराब बिकेगी और न ही बार और रेस्तरां में शराब का सेवन किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तय समय से पहले ही पूर्ण शराबबंदी की घोषणा करके चुनाव में किए गए महत्वपूर्ण वायदे को पूरा कर दिया। पहले एक अप्रैल से देशी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा उसके बाद ताड़ी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया। प्रतिबंध को मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित मुख्यमंत्री ने तय समय से पहले ही पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी।
महागठबंधन की इस आंधी में बिहार की राजनीति के कई बड़े और चर्चित चेहरों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा, लोजपा और हम के साथ साथ एमआईएम के कई बड़े नेता हार गए हैं।